(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
यूपी में 8 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव से पहले विपक्ष ने योगी सरकार को घेरा, 24 घंटे बिजली सप्लाई को बनाया मुद्दा
यूपी में बिजली किल्लत हमेशा से ही एक बड़ी समस्या रही है. लेकिन हाल ही में यूपी पावर कारपोरेशन लिमिटेड के एक आदेश की वजह से प्रदेश में सियासत शुरू हो गई है. विपक्षी दलों को सरकार पर निशाना साधने का मौका मिल गया है.
लखनऊ: उत्तर प्रदेश में 8 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होने हैं. ये उपचुनाव नवंबर में प्रस्तावित हैं. सभी सियासी दल उपचुनाव की तैयारियों में जुट गए हैं. हालांकि, चुनाव की तारीखों की घोषणा अभी नहीं हुई है लेकिन उससे पहले उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन लिमिटेड के एक आदेश के चलते विपक्षी दलों को सरकार पर निशाना साधने का मौका मिल गया है. तो चलिए आपको बताते हैं कि आखिर वो आदेश है क्या.
यूपी में बड़ी समस्या रही है बिजली की किल्लत यूपी में बिजली किल्लत हमेशा से ही एक बड़ी समस्या रही है. पिछली सरकारों में इसे लेकर लगातार आंदोलन भी होते रहे लेकिन 2017 में बीजेपी जब सत्ता में आई तब तमाम शहरों में बिजली व्यवस्था को दुरुस्त करने की कवायद की गई. कई जगहों पर इसका असर भी दिखा. सरकार ने शहरों और गांव के लिए अलग-अलग रोस्टर भी जारी किए. बड़े शहरों में 20 से 24 घंटे और गांव के लिए 16 से 18 घंटे का रोस्टर जारी किया गया है.
24 घंटे होगी बिजली की सप्लाई अब उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन ने एक आदेश जारी किया है और ये आदेश केवल 8 जिलों के लिए हैं. ये जिले बुलंदशहर, फिरोजाबाद, अमरोहा, रामपुर, उन्नाव, कानपुर नगर, देवरिया और जौनपुर हैं. आदेश में साफ तौर पर लिखा गया है कि अगले आदेश तक इन जिलों में 24 घंटे बिजली सप्लाई बिना किसी व्यवधान के दी जाए. आदेश को पहली नजर में देखें तो इसमें कोई गड़बड़ी नहीं लगती लेकिन सियासत के सबसे बड़े गढ़ उत्तर प्रदेश में इस आदेश पर भी सियासत शुरू हो गई है.
विपक्ष ने साधा निशाना सियासत के पीछे बड़ी वजह ये है कि इन 8 जिलों में ही जल्द विधानसभा के उपचुनाव होने हैं और अब विपक्षी पार्टियां कह रही हैं कि केवल और केवल उपचुनाव के चलते सरकार इन जिलों में 24 घंटे बिजली दे रही है. जबकि, हकीकत ये है कि साढ़े 3 साल के सरकार के कार्यकाल में एक यूनिट बिजली का उत्पादन शुरू नहीं हुआ है. वहीं, कांग्रेस सरकार से यह सवाल पूछ रही है कि क्या चुनाव खत्म हो जाने के बाद भी उन जिलों में 24 घंटे बिजली सप्लाई जारी रहेगी या ये केवल चुनावी सियासत है.
आरोप लगाने का हक नहीं वहीं, विपक्ष के आरोपों पर भारतीय जनता पार्टी का साफ तौर पर कहना है कि ऐसे लोगों को आरोप लगाने का कोई हक नहीं है, जिनके शासन काल में केवल उन चार-पांच जिलों में बिजली आती रही हो जहां पर समाजवादी कुनबा रहता था, इसके अलावा पूरा प्रदेश में अंधकार था. जब से बीजेपी सत्ता में आई है उत्तर प्रदेश के शहरों में 24 घंटे तहसील से ऊपर 20 घंटे और गांव में 18 घंटे बिजली सप्लाई की जा रही है.
विपक्ष को मिला मुद्दा केंद्रीय चुनाव आयोग ने इस बात के साफ संकेत दिए थे कि उत्तर प्रदेश की 8 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव बिहार चुनाव की घोषणा के साथ ही होंगे. ऐसे में ये अनुमान लगाया जा रहा है कि नवंबर में इन 8 सीटों पर उपचुनाव हो सकते हैं. यूपीपीसीएल का ये आदेश ऐसे वक्त पर आया है जब इन उपचुनाव में महज कुछ दिन ही बचे हुए हैं. जाहिर है सरकार को घेरने के लिए मुद्दा खोजने वाले विपक्ष के हाथ बैठे-बिठाए एक बड़ा मुद्दा लग गया है.
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