(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
हाथरस केस: प्रियंका गांधी ने सीएम योगी पर साधा निशाना, ट्वीट कर कहा- डीएम पर कार्रवाई कब?
हाथरस कांड को लेकर एक बार फिर प्रियंका गांधी ने सीएम योगी आदित्यनाथ पर निशाना साधा है. प्रियंका ने ट्वीट कर सीधा सवाल करते हुए कहा कि हाथरस के डीएम पर कार्रवाई कब होगी.
लखनऊ: हाथरस कांड को लेकर सियासत जारी है. इसी मुद्दे को लेकर कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने एक बार फिर यूपी सरकार पर निशाना साधा है. प्रियंका गांधी ने ट्वीट कर कहा कि, ''कल यूपी के सीएम साहब ने संवाद से समस्याओं को हल करने की बात कही.' तो क्या वो पीड़ित परिवार की बात सुनेंगे? हाथरस डीएम पर कार्रवाई कब? न्यायिक जांच के आदेश कब?.''
प्रियंका ने ये भी कहा कि ''न्याय की पहली सीढ़ी है पीड़ित लड़की की बात सुनना. वास्तविकता ये है कि बीजेपी आज भी लड़की के खिलाफ दुष्प्रचार कर रही है.''
कल यूपी के सीएम साहब ने संवाद से समस्याओं को हल करने की बात कही।
तो क्या वो पीड़ित परिवार की बात सुनेंगे? हाथरस डीएम पर कार्रवाई कब? न्यायिक जांच के आदेश कब? न्याय की पहली सीढ़ी है पीड़ित लड़की की बात सुनना। वास्तविकता ये है कि बीजेपी आज भी लड़की के खिलाफ दुष्प्रचार कर रही है। — Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) October 5, 2020
सबसे बुरा बर्ताव डीएम का था इससे पहले हाथरस के जिलाधिकारी के निलंबन की मांग करते हुए प्रियंका गांधी ने कहा था है कि हाथरस के पीड़ित परिवार के अनुसार सबसे बुरा बर्ताव डीएम का था. उन्हें कौन बचा रहा है? उन्हें अविलंब बर्खास्त कर पूरे मामले में उनकी भूमिका की जांच की जाए. उन्होंने कहा था कि परिवार न्यायिक जांच की मांग कर रहा है, तब क्यों सीबीआई जांच का हल्ला कर एसआईटी की जांच जारी है. यूपी सरकार यदि जरा भी नींद से जागी है तो उसे परिवार की बात सुननी चाहिए.
पीड़ित परिवार से की मुलाकात गौरतलब है कि, कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा बीते शनिवार अपने भाई राहुल गांधी के साथ उत्तर प्रदेश में हाथरस के पीड़ित परिवार से मिलने पहुंचीं थीं. इस दौरान उन्होंने परिवार का हाल जाना और उनके साथ तकरीबन एक घंटे तक रहीं थीं.
पीड़ित परिवार ने डीएम पर लगाए आरोप दरअसल, हाथरस मामले में जिले के डीएम प्रवीण कुमार पर पीड़ित परिवार ने कई आरोप लगाए हैं. पीड़िता के भाई का कहना है कि डीएम ने उनके परिवार को डराया और धमकाया था. इसके साथ ही प्रवीण कुमार पर पीड़िता के परिवार की महिलाओं के साथ बदसलूकी के साथ बात करने का आरोप लगा है. पीड़ित परिवार के मुताबिक डीएम ने यहां तक कहा था कि अगर उनकी बेटी कोरोना से मरती तो मुआवजा भी नहीं दिया जाता.
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