यूपी में शिक्षकों की मौत पर सियासत तेज, प्रियंका गांधी ने कहा- एक करोड़ मुआवज और आश्रित को नौकरी दे सरकार
पंचायत चुनाव के दौरान ड्यूटी पर तैनात रहे शिक्षकों की मौत को लेकर सियासत तेज हो गई है. कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी ने उत्तर प्रदेश सरकार से प्रत्येक मृतक के परिजन को एक करोड़ रुपये मुआवजा और शोकाकुल परिवार के एक सदस्य को नौकरी देने की मांग की है.
नई दिल्ली: पंचायत चुनाव के दौरान ड्यूटी पर तैनात रहे शिक्षकों और कर्मियों की मौत के मामले को लेकर कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा ने रविवार को उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार पर जमकर निशाना साधा. उन्होंने उत्तर प्रदेश सरकार से प्रत्येक मृतक के परिजन को एक करोड़ रुपये मुआवजा और शोकाकुल परिवार के एक सदस्य को नौकरी देने की मांग की.
प्रियांका गांधी ने यूपी सरकार को घेरा
प्रदेश सरकार पर हमला करते हुए प्रियंका गांधी ने कहा कि, 'पंचायत चुनाव ड्यूटी के दौरान 1621 शिक्षकों की मौत सरकारी निष्ठुरता का शिकार ना हो. उन्होंने ड्यूटी का कर्तव्य निभाया. अब उप्र सरकार लीपापोती ना करके सभी मृतक शिक्षकों, कर्मियों के परिवारों को एक करोड़ रुपये मुआवजा व एक आश्रित को नौकरी दे.' कांग्रेस नेता ने कहा कि ये उन्हें सच्ची श्रद्धाजंली होगी.
90 फीसदी से अधिक शिक्षक ड्यूटी पर रहे थे
पिछले सप्ताह उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षक संघ के अध्यक्ष दिनेश चंद्र शर्मा ने कहा था कि कोविड-19 की दूसरी लहर के बाद अप्रैल के पहले सप्ताह के बाद से प्रदेश में अब तक 1,621 शिक्षकों, अनुदेशकों, शिक्षा मित्रों और कर्मचारियों की कोरोना वायरस संक्रमण से मौत हुई है, जिनमें से 90 फीसदी से अधिक शिक्षक पंचायत चुनाव में ड्यूटी पर तैनात रहे थे.
सिर्फ तीन शिक्षकों की हुई मौत
दिनेश चंद्र शर्मा ने हाल में हुए पंचायत चुनाव में ड्यूटी करने वाले 1,621 शिक्षकों, शिक्षामित्रों तथा अन्य विभागीय कर्मियों की मृत्यु का दावा करते हुए सभी के परिजन को एक-एक करोड़ रुपए मुआवजा राशि और आश्रितों को सरकारी नौकरी की मांग की थी. हालांकि, प्रदेश के बेसिक शिक्षा मंत्री सतीश द्विवेदी ने इस दावे को गलत ठहराते हुए कहा था कि स्थापित मानकों के हिसाब से देखें तो चुनाव ड्यूटी के दौरान सिर्फ तीन शिक्षकों की मौत हुई है.
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