UP: विधानसभा और विधान परिषद के चुनाव में पड़ेगा पंचायत चुनाव के नतीजों का असर, सपा दिख रही है मजबूत
फरवरी 2022 में विधान परिषद की स्थानीय निकाय की सीटों पर चुनाव प्रक्रिया प्रारंभ हो जाएगी. पंचायत चुनाव के नतीजे 2022 के विधानसभा चुनाव से पहले यूपी में होने वाले विधान परिषद की 35 सीटों के लिए भी काफी महत्वपूर्ण हो जाते हैं.
लखनऊ: उत्तर प्रदेश में हुए पंचायत के चुनाव नतीजों ने जहां बीजेपी के लिए 2022 के विधानसभा चुनाव से पहले खतरे की घंटी बजाई है तो वहीं समाजवादी पार्टी नतीजों के बाद से उत्साहित नजर आ रही है. अब सियासी दलों की तैयारी ब्लॉक प्रमुख अध्यक्ष और जिला पंचायत अध्यक्ष की ज्यादा से ज्यादा सीटें जीतने पर है. पंचायत चुनाव के नतीजे 2022 के विधानसभा चुनाव से पहले प्रदेश में होने वाले एक और चुनाव के लिए भी काफी महत्वपूर्ण हो जाते हैं.
बीजेपी को लगा झटका
सत्ताधारी बीजेपी प्रदेश में 3050 जिला पंचायत वार्ड की सीटों पर जोरदार तैयारी के साथ चुनाव मैदान में उतरी थी. पहली बार बीजेपी ने इस पंचायत चुनाव के लिए इतनी तैयारी की थी. बीजेपी को लग रहा था कि जनता इस चुनाव में भी उस पर भरोसा करेगी लेकिन हुआ इसके उलट. बीजेपी जिला पंचायत वार्ड की तकरीबन 600 सीटों पर ही सिमटकर रह गई. जबकि, बिना तैयारी किए ही समाजवादी पार्टी ने चुनाव में लगभग 800 सीटें हासिल कर ली.
विधान परिषद के चुनाव पर पड़ेगा असर
अब सियासी दलों की नजरें प्रदेश में होने वाले 75 जिला पंचायत अध्यक्षों और 826 ब्लॉक प्रमुख के चुनाव पर टिकी हुई हैं. लेकिन, पंचायत चुनाव के ये नतीजे 2022 के विधानसभा चुनाव से पहले उत्तर प्रदेश में होने वाले विधान परिषद की 35 सीटों के लिए भी काफी महत्वपूर्ण हो जाते हैं.
होने हैं विधान परिषद के चुनाव
दरअसल 7 मार्च 2022 को प्रदेश में विधान परिषद की 35 सीटें खाली हो रही हैं. इस स्थानीय निकाय क्षेत्र की सीटों के लिए चुनाव में जो वोटर होते हैं वो जिला पंचायत के सदस्य, ग्राम प्रधान, बीडीसी, ब्लॉक प्रमुख, जिला पंचायत अध्यक्ष, सभासद, चेयरमैन, स्थानीय विधायक और सांसद होते हैं. इन चुनाव में यही वोट देते हैं जिससे विधान परिषद के सदस्य चुने जाते हैं. उत्तर प्रदेश में 2022 में विधानसभा के चुनाव के साथ-साथ ही विधान परिषद की इन 35 सीटों पर भी चुनाव होंगे.
उत्साहित है समाजवादी पार्टी
माना जा रहा है कि फरवरी में विधान परिषद की स्थानीय निकाय की इन 35 सीटों पर चुनाव प्रक्रिया प्रारंभ हो जाएगी और इस चुनाव में सबसे महत्वपूर्ण भूमिका पंचायत चुनाव में जीतने वाले सदस्यों की होती है. ऐसे में जिस पार्टी ने सबसे ज्यादा सीटें जीती हैं उसके लिए विधान परिषद के चुनाव में अपने उम्मीदवारों को वोट दिलाने में काफी आसानी रहेगी. इसीलिए पंचायत चुनाव के नतीजे काफी अहम हो जाते हैं. चुनाव में मिली जीत से समाजवादी पार्टी काफी उत्साहित है. पार्टी के प्रवक्ता अब्दुल हफीज गांधी कहते हैं कि ना केवल विधान परिषद के चुनाव के बल्कि 2022 के विधानसभा चुनाव में भी समाजवादी पार्टी सबसे ज्यादा सीटें जीतकर सत्ता पर काबिज होगी.
बीजेपी भी है तैयार
पंचायत चुनाव में बीजेपी के पक्ष में परिणाम उसकी तैयारी के अनुरूप नहीं आए. पार्टी ने जैसी तैयारी की नतीजे उसके मुताबिक नहीं रहे. पार्टी के प्रवक्ता मनीष शुक्ला के मुताबिक पार्टी निर्दलीयों के साथ बातचीत की प्रक्रिया में है और ना केवल ब्लॉक प्रमुख और जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव में ज्यादा सीटें जीतेगी बल्कि विधान परिषद की सीटों पर होने वाले चुनाव में भी पार्टी इनके सहारे सबसे ज्यादा सीट हासिल करेगी.
हार के कारणों पर हो रहा है मंथन
पंचायत चुनाव के इस परिणाम के बाद जहां बीजेपी खेमे में मायूसी है. पार्टी में हार के कारणों पर मंथन हो रहा है, तो वहीं समाजवादी पार्टी इस बात से खुश है कि बिना तैयारी के इन चुनाव में उसके दोनों हाथ में लड्डू आ गए और अब ये परिणाम 2022 के विधानसभा चुनाव से पहले विधान परिषद के चुनाव में काफी मददगार साबित होंगे. हालांकि, इन चुनाव में अभी काफी वक्त है और बीजेपी इस कोशिश में जुटी है निर्दलीयों के सहारे पहले ब्लाक प्रमुख और जिला पंचायत अध्यक्ष पद पर कब्जा किया जाए और फिर उसी के बल पर विधान परिषद के चुनाव में भी ज्यादा से ज्यादा सीटें हासिल की जाएं.
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