Lucknow News: लखनऊ में हजारों लोगों से करोड़ों रुपये हड़पने वाला शाइन सिटी के संचालक राशिद नसीम की मुश्किल अब बढ़ाने वाली है. ईडी ने उसके खिलाफ भगोड़ा आर्थिक अपराधी अधिनियम 2018 के तहत मुकदमा दर्ज कर दिया है, जिसका संज्ञान ईडी की विशेष अदालत के न्यायाधीश राहुल प्रकाश ने लिया है. बता दें कि उत्तर प्रदेश में किसी भगौड़े अपराधी के खिलाफ दर्ज होने वाला यह पहला मुकदमा है, इसके तहत राशिद की विदेश में जो संपत्तियां हैं उस पर भी कार्रवाई की जा सकेगी.


साइंस सिटी के संचालक राशिद नसीम ने अपने यहां निवेश  कराई गई रकम को कई फर्जी कंपनियों के जरिए अपने विदेशी कंपनियों के खाते में डाइवर्ट कर कई नई संपत्तियां खरीदी हैं. ईडी अब इन संपत्तियों को चिन्हित कर उस पर कार्रवाई करेगी. इस अधिनियम के तहत दोषी पाए जाने वाले लोगों पर सरकार ऐसे अपराधी द्वारा विदेशों में खरीदे गए संपत्तियों को जब्त कर सकती है. अधिकारियों को इस बात की जानकारी है कि राशिद नसीम दुबई भगाने के बाद कई अन्य के साथ मिलकर दक्षिण अफ्रीका समेत कई देशों में हीरे का कारोबार कर रहा है, जिसके लिए उसने विदेश में कई कंपनियां भी बनाई है, इसकी भी जांच जारी है.


कैसे दर्ज होती है इस अधिनियम में एफआईआर 
भगौड़ा आर्थिक अपराधी अधिनियम 2018 में एफआईआर दर्ज कराने के लिए कुछ शर्तें होती हैं . ये शर्तें हैं, विदेश भागने वाला अपराधी 100 करोड रुपये से अधिक के आर्थिक अपराध में शामिल हो, इसके अलावा वह भारत वापस आने से इनकार कर रहा हो. वहीं देश की किसी अदालत द्वारा उसके खिलाफ गिरफ्तारी का वारंट जारी हुआ हो. आपको बता दें कि रशीद नसीम के मामले में यह सारी शर्तें लागू हो रही है, जिस कारण उसे पर इस एक्ट के तहत कार्रवाई की गई है.


ये भी पढे़ं: राहुल गांधी की नागरिकता पर हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार से मांगा जवाब, पूछा- वो भारतीय हैं या विदेशी?