Astronaut Shubhanshu Shukla News: लखनऊ में ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला का परिवार खुशी से फूला नहीं समा रहा है. क्योंकि उन्हें अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) पर भेजे जाने वाले भारत-अमेरिका के अगले मिशन के लिए चुना गया है. शुभांशु के पिता शंभू दयाल शुक्ला, जो एक सेवानिवृत्त सरकारी अधिकारी हैं. उन्होंने कहा कि परिवार घबराया हुआ नहीं है, बल्कि गर्व महसूस कर रहा है. वहीं, मां आशा शुक्ला ने अपने सबसे छोटे बेटे को 'शांत दिमाग वाला' बताया, जो बिना आपा खोए हर स्थिति का सामना करता है.
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने शुक्रवार को घोषणा की कि ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला और ग्रुप कैप्टन प्रशांत बालकृष्णन नायर को आईएसएस पर भेजे जाने वाले आगामी भारत-अमेरिका मिशन के लिए चुना गया है. एक आधिकारिक विज्ञप्ति में इसरो ने कहा कि उसके मानव अंतरिक्ष उड़ान केंद्र ने आईएसएस के लिए अपने चौथे मिशन के वास्ते अमेरिका के एक्सिओम स्पेस इंक के साथ समझौता किया है और नेशनल मिशन असाइनमेंट बोर्ड ने दो गगन यात्रियों-ग्रुप कैप्टन शुक्ला व ग्रुप कैप्टन नायर के नाम की सिफारिश की है.
शुभांशु के घर में जश्न का माहौल
इसरो की शुक्रवार की घोषणा के बाद लखनऊ में शुक्ला परिवार के घर पर जश्न का माहौल है. उनके पिता शंभू दयाल शुक्ला ने 'पीटीआई वीडियो' से कहा, 'हम बहुत खुश हैं और शुभांशु की उपलब्धियों पर गर्व महसूस करते हैं. हम भगवान से प्रार्थना कर रहे हैं कि मिशन सफल हो, जिसे लेकर हमें पूरा भरोसा भी है. देश के लोग भी अपना आशीर्वाद बरसा रहे हैं. शुक्ला के पिता ने कहा कि उन्होंने शुक्रवार को अपने बेटे से बात की थी, जिसने उन्हें मिशन को लेकर अपनी तैयारियों के बारे में बताया. उन्होंने कहा, 'जो भी चार-पांच महीने लगेंगे, उसके बाद मिशन शुरू हो जाएगा.
क्या बोले शुभांशु शुक्ला के पिता
शुक्ला के पिता ने कहा जब मैं सचिवालय में काम करता था और हमारे घर में इस विशेष कार्य क्षेत्र में करियर की संभावनाओं पर वास्तव में विचार नहीं किया जाता था. मुझे सिविल सेवा या डॉक्टर की नौकरी अधिक पसंद थी, लेकिन किसी का भाग्य भगवान तय करता है. मेरे बेटे ने भी मेहनत की और हर कदम पर सफल रहा. उसका चयन पहले वायु सेना, फिर इसरो और अब अंतरिक्ष मिशन के लिए हुआ है. शुक्ला चार भाई-बहनों में सबसे छोटे हैं. हम नकारात्मक विचारों में नहीं पड़ते, हम प्रार्थना करते हैं और बाकी सब भगवान पर छोड़ देते हैं. हमें विश्वास है कि वह जो भी करते हैं, सही होता है.
'हमें कोई घबराहट नहीं'
वहीं शुभांशु की मां आशा शुक्ला ने अपने बेटे की उपलब्धियों को एक शानदार एहसास बताया और कहा कि इससे परिवार बेहद खुश है. उन्होंने ये भी कहा कि उसने हमें तीन-चार दिन पहले इस मिशन के बारे में बताया और हम बेहद खुश हैं. हमें कोई घबराहट नहीं है. कभी-कभी हम ऐसे मिशन के बारे में कुछ नकारात्मक बातें सुनते हैं, लेकिन हमने भगवान पर भरोसा किया है और मानते हैं कि वह जो भी करते हैं, सही होता है.'
शुभांशु शुक्ला के स्कूल में बनाया गया जश्न
बेटे के बचपन के बारे में बात करते हुए आशा शुक्ला ने कहा हमें पहले से ही पता था कि वह जीवन में कुछ बड़ा करेगा. वह बहुत शांत स्वभाव का है और कभी भी अपना आपा नहीं खोता. वह परिस्थितियों को सहजता से संभालता है. उन्होंने कहा कि जब से शुभांशु को अंतरिक्ष मिशन के लिए चुने जाने की खबर आई है, तब से परिवार के लोगों के फोन आ रहे हैं और लोग उन्हें बधाई दे रहे हैं. शुक्ला के स्कूल में भी उनकी इस उपलब्धि का जश्न मनाया गया.
ये भी पढ़ें: Waqf Board Assets: यूपी में है सबसे ज्यादा वक्फ बोर्ड की संपत्ति, पूरब से पश्चिम तक फैला है साम्राज्य