लखनऊ: आगामी चुनाव से पहले समाजवादी पार्टी कांग्रेस और बसपा दोनों के ही खेमे में सेंधमारी करने लगी है. इसी कड़ी में बसपा के 6 बागी विधायकों ने आज समाजवादी पार्टी का दामन थाम लिया. वैसे तो ये सभी करीब एक साल पहले ही सपा में आने का ऐलान कर चुके थे. राज्यसभा के चुनाव में भी इन्होंने बसपा प्रत्याशी की जगह सपा उम्मीदवार के पक्ष में समर्थन किया था. सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव की मौजूदगी में ये औपचारिक रूप से सपा की सदस्यता ली.


बीएसपी के जो 6 विधायक आज सपा में शामिल हुए हैं उनमें श्रावस्ती की भिनगा सीट से असलम राइनी, प्रयागराज की हंडिया सीट से हाकिम लाल बिंद, प्रयागराज की ही प्रतापपुर आयात से हाजी मोहम्मद मुजतबा सिद्दीकी, सीतापुर की सिधौली सीट से हरगोविंद भार्गव, जौनपुर की बादशाहपुर सीट से डॉ. सुषमा पटेल और गाजियाबाद की धौलाना सीट से असलम चौधरी शामिल हैं.


ये जॉइनिंग इसलिए भी काफी अहम मानी जा रही है क्योंकि इन सभी विधायकों ने 2017 में उस समय अपनी अपनी सीट पर चुनाव जीता ज़ब हर तरफ मोदी लहर रही. अपने अपने क्षेत्र में इनका अपना वोटबैंक है. विधायकों के साथ इनके तमाम समर्थक पार्टी कार्यालय पहुंचे हुए हैं. सपा का भी मानना है कि इनकी जॉइनिंग से पार्टी मजबूत होगी.


जॉइनिंग के लिए पहुंचे विधायक असलम राइनी ने कहा, ''हमने 1 साल पहले अक्टूबर में ही सपा में आस्था जता दी थी. आने वाला समय अखिलेश यादव और सपा का है. पहले सदस्यता जाने का खतरा था, आज सेफ पॉइंट पर हैं. दिसंबर में अधिसूचना लग सकती, ऐसे में इलेक्शन में 2 माह रह गए. पहले सपा की आंधी थी, हम सुनामी पैदा कर देंगे. अखिलेश को सीएम बनाने तक चैन से नही बैठेंगे.''


उन्होंने कहा, ''ये विधायक तय नहीं कर रहे, यह जनता की आवाज है. जनता, कार्यकर्ता की बदौलत हम विधायक बनते हैं. सब सपा चाहते, ब्राह्मण, दलित सब सपा साथ. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह यहां आए बार बार अखिलेश यादव का नाम लेते रहे. भाजपा वाले पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी का नाम ले रहे थे, निशाना साध रहे थे, वो सीएम बनीं. अब ये बार बार अखिलेश यादव का नाम ले रहे हैं, जान लीजिए अखिलेश सीएम बनेंगे.''


विधायक हाकिम लाल बिंद ने कहा कि सपा देश की ऐसी पार्टी जहां सबका सम्मान है. अखिलेश यादव चाहेंगे तो चुनाव लड़ाएंगे, हमने शर्त नहीं रखी है. पार्टी कार्यकर्ता के तौर पर जिताने का काम करेंगे. विधायक मुजतबा सिद्दीकी ने कहा कि समय के हिसाब से हर आदमी को बदलना पड़ता. अब समय अखिलेश यादव को सीएम बनाने का. उन्होंने कहा एक साल पहले जब निलंबित किया गया था तभी तय कर लिया था. हमने जब बसपा जॉइन की तो वहां कोई शर्त नही रखी थी, यहां भी कोई शर्त नही रखी. 


बसपा के हालात पर मुजतबा ने कहा कि नसीएमुद्दीन सिद्दीकी, लालजी वर्मा, राम अचल राजभर, आरएस कुशवाहा सबने छोड़ दिया बसपा को. सुखदेव राजभर भी अपने बेटे को सपा के हवाले कर गए. बसपा हर जगह भाजपा का समर्थन कर रही है. बहनजी भाजपा से मिल चुकी हैं, इसलिए हमने छोड़ा. कांशीराम जी के सिद्धांतों को देखकर बसपा में आये थे, लेकिन अब वहां वो सिद्धांत नहीं बचे हैं.


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