लखनऊ: मुख्यमंत्री शिक्षुता प्रोत्साहन योजना के तहत सूक्ष्म लघु और मध्यम उद्ययन विभाग की विभिन्न योजनाओं में 50 हजार युवाओं को प्रशिक्षण दिया जाएगा. इसमें औद्योगिक विकास विभाग में 35 हजार युवाओं को प्रदेश में संचालित हो रहे विभिन्न भारी उद्योगों में दक्षता प्रशिक्षण दिया जाएगा.
18 विभागों में युवा कर सकेंगे ट्रेनिंग
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग में 5 हजार, नगर विकास विभाग में 1 हजार, सिंचाई विभाग में 5 हजार, ग्रामीण अभियंत्रण विभाग में 400, पर्यटन विभाग में 100, माध्यमिक व उच्च शिक्षा विभाग में 2 हजार, चिकित्सा शिक्षा विभाग में 1 हजार, व्यवसायिक एवं कौशल विभाग में 600, प्राविधिक शिक्षा में 1 हजार, लोक निर्माण में 4 हजार, उर्जा विभाग में 8 हजार, परिवहन विभाग में 800, कृषि गन्ना उद्यान व खाद्य प्रसंस्करण एवं सहकारिता विभाग में 8 हजार, पशु पालन एवं दुग्ध विकास विभाग में 8 हजार, आवास एवं नियोजन में 5 हजार, यूपी आवास विकास परिषद में 160, यूपी प्रोजेक्ट कॉरपोरेशन में 80 और पंचायती राज विभाग में 4200 युवाओं को प्रशिक्षण देकर उनकी दक्षता को बढ़ाया जाएगा.
निमोनिया पर होगा प्रहार
वहीं दूसरी ओर निमोनिया पर 'सांस' अभियान के जरिए प्रहार करने की तैयारी की जा रही है. योगी सरकार ने इसको लेकर ठोस रणनीति बनाई है. जिसके तहत ग्रामीण क्षेत्रों में घर पर सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी. वहीं 200 मास्टर ट्रेनर प्रदेश में आशा एएनएम को ट्रेनिंग देंगे. निमोनिया के लक्षण होते ही गांव में आशा-एएनएम डोज देंगी. इस माह के अंत तक इस विशेष अभियान को युद्ध स्तर पर प्रत्येक जिलों में चलाया जाएगा. सरकार निमोनिया को जड़ से खत्म करने के लिए सोशल अवेयरनेस एंड एक्शन टू न्यूट्रेलाइज निमोनिया सक्सेसफुल (सांस) अभियान शुरू करने की तैयारी में है. प्रदेश में अब आशा-एएनएम बच्चे के जन्म के 42 दिन तक सात बार घर का विजिट करेंगी.
ये भी पढ़ें: