UP News:  लखनऊ (Lucknow) में पूर्व ब्लॉक प्रमुख अजित सिंह की हत्या (Ajit Singh Murder) मामले में सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) से बड़ा आदेश आया है. सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने हत्याकांड की जांच की जिम्मेदारी एसटीएफ (Special Task Force)  को सौंपने पर रोक लगा दी है. यूपी सरकार ने लखनऊ पुलिस से यह केस लेते हुए जांच की जिम्मेदारी एसटीएफ को दे दी थी.


अजित सिंह की पत्नी रानू सिंह ने एसटीएफ जांच के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी. सुप्रीम कोर्ट ने मामले की सुनवाई करते हुए जेल में बंद आरोपियों को जमानत देने पर भी रोक लगा दी है. एसटीएफ को जांच सौंपने से इनकार करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार से चार दिन के भीतर जवाब दाखिल करने को कहा है. बता दें कि दो साल पहले 6 जनवरी को लखनऊ के कठौता चौराहे पर अजीत सिंह की हत्या कर दी गई थी. इस मामले में अजीत की पत्नी रानू सिंह ने मऊ में जौनपुर के पूर्व सांसद धनंजय सिंह, आजमगढ़ के माफिया कुंटू सिंह उर्फ ध्रुव सिंह, अखंड सिंह और गिरधारी विश्वकर्मा उर्फ डॉक्टर के खिलाफ तहरीर दी थी. 


मारा जा चुका है मुख्य आरोपी गिरधारी विश्वकर्मा


लखनऊ पुलिस ने जांच में बाहुबली पूर्व सांसद धनंजय सिंह को भी आरोपी बनाया था. पुलिस ने कार्रवाई शुरू करते हुए धनंजय सिंह द्वारा अवैध तरीके से अर्जित की हुई संपत्तियों का ब्यौरा इकट्ठा किया था. पुलिस ने लखनऊ में 6 फ्लैट, दो फॉर्महाउस, गोमती नगर में लैब कई संपत्तियों को चिह्नित किया गया था. वहीं, हत्याकांड का मुख्य आरोपी और शूटर गिरधारी विश्वकर्मा पुलिस मुठभेड़ में मारा जा चुका है. गिरधारी और उसके साथियों ने अजीत सिंह पर करीब 25 गोलियां चलाई थीं.


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