लखनऊ: धर्म परिवर्तन मामले की जांच कर रही है एटीएस को कुछ ऐसी जानकारियां मिली हैं जिससे यह पूरा प्रकरण आतंकवाद से जुड़ता हुआ नजर आ रहा है. एटीएस की पूछताछ में उमर गौतम और मुफ़्ती जहांगीर ने कई संवेदनशील चौंकाने वाले खुलासे किए हैं. इस मामले में आईएसआई के शामिल होने और विदेशी फंडिंग के प्रमाण पहले ही एटीएस को मिल चुके हैं. अब धर्मांतरण करने वालों के आतंकी संगठनों से जुड़े होने की बातें सामने आने के बाद देश की खुफिया एजेंसियां सतर्क हो गई हैं. उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी देश की सुरक्षा और आस्था के खिलाफ साजिश करने वालों से सख्ती से निपटने के निर्देश दिए हैं. इसी क्रम में यूपी पुलिस एक ऐसा फोन नंबर जारी करने जा रही है जिसमें जबरन धर्मांतरण के पीड़ित संपर्क कर सकेंगे. एडीजी कानून व्यवस्था प्रशांत कुमार का कहना है कि फोन नंबर पर सूचना देने वाले व्यक्ति की पहचान और नाम गोपनीय रखा जाएगा.
उमर गौतम और जहांगीर को एटीएस ने बीते दिनों गिरफ्तार करके पूछताछ के लिए 7 दिन की रिमांड पर लिया है. रिमांड का आज दूसरा दिन है और उमर व जहांगीर ने पूछताछ में कई अहम खुलासे किए हैं. उमर और जहांगीर से मिली जानकारियों के आधार पर धर्मांतरण कराने वाले गिरोह के तार आतंकी संगठनों से जुड़ते नजर आ रहे हैं. एटीएस सूत्रों के मुताबिक उमर ने जहांगीर की मदद से नई दिल्ली स्थित अपनी संस्था इस्लामिक दावाह फाउंडेशन में देश-विदेश की तमाम संस्थाओं, ट्रस्ट और फाउंडेशन से आर्थिक सहायता लेने की बात कुबूली है. सोशल मीडिया में वायरल वीडियो में उमर खुद इंग्लैंड, पोलैंड और सिंगापुर समेत अन्य देशों में धर्मांतरण कराने की बात कुबूल कर रहा है. उसे यह भी स्वीकार किया है कि विदेशों से उसकी फाउंडेशन को आर्थिक मदद मिलती है. एटीएस की पूछताछ में उमर में जो जानकारियां दी हैं, उसके मुताबिक धर्मांतरण का काम देश के 24 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में चल रहा था. हिंदू के अलावा ईसाई, जैन और सिख परिवार के बच्चों का भी धर्म धर्मांतरण कराने की बात उसने कुबूल की है.
धर्मान्तरण प्रकरण में पल-पल के अपडेट ले रहे सीएम
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने धर्मांतरण गिरोह के देश विरोधी गतिविधियों में शामिल होने की जानकारी के बाद सख्त रुख अपनाया है. उन्होंने एटीएस और अन्य खुफिया एजेंसियों को देश की सुरक्षा और आस्था के खिलाफ साजिश रचने वालों से सख्ती से निपटने के निर्देश दिए हैं. वह पुलिस अफसरों से पल-पल के अपडेट ले रहे हैं. मुख्यमंत्री धर्मांतरण के पूरे प्रकरण की खुद मानिटरिंग कर रहे हैं.
जाकिर नाइक की इस्लामिक रिसर्च फाऊंडेशन से भी संपर्क में था उमर
धर्मांतरण के मामले की जांच में एक और सनसनीखेज खुलासा हुआ है. एटीएस की पूछताछ में उमर और जहांगीर ने देश छोड़कर भाग चुके जाकिर नाइक की संस्था इस्लामिक रिसर्च फाउंडेशन के लोगों से संपर्क में होने की बात कही है. एटीएस सूत्रों ने बताया कि उमर के संबंध इस्लामिक रिसर्च फाउंडेशन से जुड़े वकील फैज सैयद से थे. अब एटीएस इस्लामिक रिसर्च फाउंडेशन के अन्य पदाधिकारियों और सदस्यों के बारे में जानकारी जुटा रही है.
मूक-बधिर बच्चों को जिहादी बनाने की थी तैयारी
एटीएस की जानकारी में आया है की धर्मांतरण कराने वाले उमर और जहांगीर ने मूक बधिर बच्चों और किशोरों को खास तौर पर इसलिए निशाना बनाया था कि उन्हें जिहादी गतिविधियों के लिए तैयार किया जा सके. इन बच्चों को सिखाने पढ़ाने के लिए धर्मांतरण गिरोह ने अपने शिक्षक लगा रखे थे. यह शिक्षक ही मूक-बधिर बच्चों को उनके मूल धर्म के प्रति गुमराह करते थे और गलत जानकारियां देकर उन्हें नफरत का भाव पैदा करते थे.
यह भी पढ़ें-
यूपी चुनाव: पुराने और भरोसेमंद नेताओं को अपने पाले में लाने में जुटी समाजवादी पार्टी, ये है रणनीति