UP News: अलकायदा इंडियन सब कॉन्टिनेंट (Al-Qaeda Indian Subcontinent) और उसके सहयोगी आतंकी संगठन जमात-उल-मुजाहिदीन बांग्लादेश (Jamaat-ul-Mujahideen Bangladesh) से जुड़े आठ आतंकियों को यूपी एटीएस ने हाल ही में गिरफ्तार किया था. पकड़े गए सभी आतंकी भारत और बांग्लादेश में गजवा-ए-हिंद (Ghazwa e Hind) के उद्देश्य को पूरा करने के लिए अपना नेटवर्क बढ़ाने में जुटे थे. इनके नाम सहारनपुर का लुकमान, कारी मुख्तार, कामिल, मो. अलीम, शामली का शहजाद, हरिद्वार का मुदस्सिर, झारखंड का नवाजिश अंसारी और बांग्लादेश का अली नूर है.
भारत में फर्जी नाम से रह रहा था
अली नूर भारत में जहांगीर मंडल, इनामुल हक के फर्जी नाम से रह रहा था. उसे मुदस्सिर और कामिल के साथ नेपाल बॉर्डर से गिरफ्तार किया गया. अली नूर बांग्लादेशी आतंकियों के साथ असम के ग्वालपाड़ा में एक मदरसे में शिक्षक के रूप में भी कई दिन रहा. बाद में अब्दुल्ला तलहा, मुदस्सिर और कामिल की मदद से वो हरिद्वार में छिप कर रहा. उसके साथ गिरफ्तार कामिल और मुदस्सिर बांग्लादेश से आने वाले आतंकियों और उनके एजेंटों को सुरक्षित ठिकाने पर रुकवाते थे. एटीएस की छानबीन में यह भी पता चला है कि आतंकी अब्दुल्ला तलहा ने कामिल और मुदस्सिर के बैंक खातों में टेरर फंडिंग के लाखों रुपए भेजे थे. शहजाद सितंबर 2021 में शामली बम कांड में बम बनाने के आरोप में गिरफ्तार हुआ था. जेल से छूटने के बाद वह बांग्लादेशी आतंकी एहसान. लुकमान और कारी मुख्तार के साथ भोपाल स्थित एक ठिकाने पर छिपकर रह रहा था.
मदरसा शिक्षक बन कर रहा था टेरर फंडिंग
सहारनपुर के लुकमान ने बांग्लादेशी आतंकी संगठन के आका अब्दुल्ला तलहा को अपने यहां 11 महीने तक शरण दी थी. वह एक मदरसे में पढ़ाता भी था. उसने मदरसा शिक्षक के रूप में लाखों रुपए की टेरर फंडिंग की. लुकमान के पास से चार जिहादी किताबें और आतंकी कंटेंट से भरी एक पेन ड्राइव और मेमोरी कार्ड समेत दो मोबाइल फोन बरामद हुए हैं. झारखंड के नवाजिश अंसारी को भोपाल से गिरफ्तार अकील शेख ने आतंकी तंजीम का सक्रिय सदस्य बनाया था. इसी तरह सहारनपुर के मोहम्मद अलीम को बांग्लादेशी आतंकी एहसान ने आतंकी तंजीम का सक्रिय सदस्य बनवाया था.
कट्टरपंथी विचारधारा वाले लोगों को करते हैं गैंग में शामिल
अलकायदा इंडियन सब कॉन्टिनेंट और जमात उल मुजाहिदीन बांग्लादेश भारत में पश्चिम बंगाल, असम और नेपाल के रास्तों से अवैध घुसपैठ करके अपनी जड़ें मजबूत कर रहे हैं. एटीएस अधिकारियों के मुताबिक अलकायदा इंडियन सब कॉन्टिनेंट और जमात उल मुजाहिदीन बांग्लादेश से जुड़े इन आतंकियों ने उत्तर प्रदेश, बिहार, मध्य प्रदेश और उत्तराखंड में कट्टरपंथी विचारधारा वाले हजारों लोगों को आतंकियों के विभिन्न संगठनों से जोड़ा है और जकात, हदिया, इमदाद के नाम पर टेरर फंड एकत्रित किया है. ज्यादातर आतंकी बांग्लादेशी हैं जो अपना नाम बदल कर मदरसों में रह रहे हैं. तालीम के नाम पर ये आतंकी युवाओं को विभिन्न आतंकवादी संगठनों से जोड़ रहे हैं. एटीएस सूत्रों का कहना है कि इन आतंकियों का आका अलकायदा इंडियन सब कॉन्टिनेंट और जमात उल मुजाहिदीन बांग्लादेश का टॉप कमांडर अब्दुल्ला तलहा है.
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कई बार यूपी आ चुका है अब्दुल्ला तल्हा
अब्दुल्ला तल्हा कई बार अपने नेटवर्क को मजबूत करने के लिए भारत और खासकर यूपी आ चुका है. सहारनपुर में वो मुफ्ती हुसैन के फर्जी नाम से रुका जबकि हरिद्वार में जाकिर भाई, समीउल्लाह और मासूम नाम से वो कई दिन तक रहा. उसके खिलाफ एनआईए ने भोपाल में और एसटीएफ ने पश्चिम बंगाल में यूएपीए के मामले दर्ज किए हैं. यूपी एटीएस ने भी उसके खिलाफ एक केस लखनऊ में दर्ज किया है. उसकी गिरफ्तारी के लिए एटीएस देश की अन्य जांच एजेंसियों के साथ मिलकर काम कर रही है. आतंकियों के पास से बरामद इलेक्ट्रॉनिक डिवाइसेज, पेन ड्राइव और मोबाइल फोन की फॉरेंसिक जांच कराई जा रही है. आतंकियों से पूछताछ के बाद कई और गिरफ्तारियां भी हो सकती हैं.
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