लखनऊः उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में हिस्ट्रीशीटर की हत्या के मामले में एक नया मोड़ आ गया है. विभूति खंड में मऊ के हिस्ट्रीशीटर अजीत सिंह की हत्या के आरोपी शूटर अंकुर उर्फ शिवेंद्र ने रिमांड के दौरान पूछताछ में पूर्व सांसद धनंजय सिंह का नाम लिया है. शूटर का कहना है कि पूर्व सांसद हत्या में शामिल थे.


शूटर अंकुर उर्फ शिवेंद्र को बुधवार सुबह 9 बजे से शाम 7 बजे तक रिमांड पर लेकर पुलिस ने पूछताछ की. इस दौरान उसने अजीत सिंह की हत्या का पूरा घटनाक्रम पुलिस को बताया. फिलहाल, शूटर को जेल भेज दिया गया है. गुरुवार को पुलिस फिर उसे रिमांड पर लेकर पूछताछ करेगी.


हत्या में इस्तेमाल पिस्टल की तलाश जारी


पुलिस आयुक्त डीके ठाकुर ने बताया कि शूटर ने अजीत सिंह की हत्या से जुड़ी कई अहम जानकारियां दी हैं. उसे घटनास्थल समेत कई जगह ले जाया गया. फिलहाल, हत्या में इस्तेमाल पिस्टल की बरामदगी नहीं हो सकी है. शूटर को जेल में दाखिल कर दिया गया है. गुरुवार को उसे फिर बाहर लाकर पूछताछ की जाएगी और असलहों की रिकवरी का प्रयास किया जाएगा.


विभूतिखण्ड पुलिस ने शूटर अंकुर उर्फ शिवेंद्र सिंह की रिमांड के लिए कोर्ट में अर्जी दी थी. विवेचक ने कोर्ट में कहा था कि अंकुर की हत्या में इस्तेमाल की गई पिस्टलों की बरामदगी, घटना में शामिल आरोपियों के छिपने की जगह, फ्लैट का पता लगाने, घटना में प्रयोग किए गए मोबाइल फोन का पता लगाने के बारे में जानकारी लेनी है. इसके लिए पुलिस ने 10 दिन की रिमांड मांगी थी लेकिन कोर्ट ने सिर्फ 2 दिन की रिमांड की मंजूरी दी थी.


कोर्ट ने दी दिन में पूछताछ की इजाजत


अंकुर के वकीलों ने गिरधारी की तरह उसे भी मारने की आशंका जताते हुए रिमांड का विरोध किया था. इस पर कोर्ट ने अंकुर को रात को पुलिस कस्टडी रिमांड पर न देने का आदेश जारी किया. कोर्ट का कहना था कि शिवेंद्र उर्फ अंकुर को दिन के उजाले में पुलिस कस्टडी रिमांड पर लेकर पूछताछ करे.


सीजेएम कोर्ट ने आरोपी की मात्र 20 घंटे की रिमांड स्वीकृत की है. उसे 17 मार्च की सुबह 9 बजे से शाम 7 बजे और फिर 18 की सुबह 9 बजे से शाम 7 बजे तक रिमांड पर दिया गया है. शूटर को जेल से बाहर लाने पर और वापस दाखिल करने पर मेडिकल परीक्षण कराने के भी निर्देश दिए गए हैं.


इसे भी पढ़ेंः
जब दो-तीन किलोमीटर पटरी पर उल्टी दौड़ी नई दिल्ली-टनकपुर ट्रेन, करीब 70 यात्री थे सवार


कमल हासन की पार्टी एमएनएम के कोषाध्यक्ष की संपत्तियों पर पड़े आयकर विभाग के छापे