Lucknow Tile Wali Masjid Row: ज्ञानवापी मस्जिद (Gyanvapi Masjid) को लेकर विवाद जारी है इस बीच लखनऊ (Lucknow) की टीले वाली मस्जिद (Tile Wali Masjid) को लेकर विवाद बढ़ता जा रहा है. शुक्रवार को जुमे की नमाज में बड़ी संख्या में जमाती टीले वाली मस्जिद में पहुंचे. वहीं जुमे की नमाज को लेकर वायरल पोस्टर्स के चलते नमाज के लिए आने वालों की संख्या भी अधिक रही. मौके पर भारी पुलिस बल भी तैनात किया गया था. हालांकि, मस्जिद के इमाम मौलाना फजलुल मन्नान (Fazlul Mannan) ने कहा की हमने कोई पोस्टर जारी नहीं किया.


30 मई को होगी सुनवाई
वहीं, टीले वाली मस्जिद को लेकर लखनऊ की सिविल कोर्ट में याचिका दाखिल कर सर्वे की अनुमति मांगी गई है. अखिल भारत हिन्दू महासभा के राष्ट्रिय प्रवक्ता और केस के मुख्य पैरोकार शिशिर चतुर्वेदी ने बताया की ये लक्ष्मण टीला (Laxman Tila) था जिसे टीले वाली मस्जिद कहा जाता है. उन्होंने कहा कि, हमने कोर्ट से मांग की है कि इसका अधिकार मालिकाना हक हिंदुओं को दिया जाए और यहां पूजा की अनुमति हो. उन्होंने कहा की मामले में अब 30 मई को सुनवाई होगी.


शांति व्यवस्था बनाए रखने की अपील
टीले वाली मस्जिद के मौलाना फजलुल मन्नान ने कहा कि, एक मैसेज चल रहा था टीले वाली मस्जिद के नाम से, उसमें ये था कि 27 को दुआ होगी. वो मैसेज वायरल हुआ और उसी की बुनियाद पर बड़ी तादाद में लोग यहां पर आए हैं. हर जुमे को दुआ होती है, जैसे हर जुमे पर नमाज होती है. मुल्क के लिए, कौम के लिए दुआ की, हमने शांति व्यवस्था बनाए रखने की अपील की है. मैसेज  जिसने भी वायरल किया है उसमें मेरा नाम दे दिया है, तो ये समझा जा रहा था की मेरा मैसेज है. वो पब्लिक का एक मैसेज था. जिस दिन हमें आह्वान करना होगा हम चोरी-छिपे नहीं करेंगे, प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगे. जिस दिन हमारा आह्वान होगा उस दिन पूरा लखनऊ तो जाम हो ही जाना है, उत्तर प्रदेश जाम होगा. ये टीले वाली मस्जिद वर्ल्ड फेम है. टीले वाली मस्जिद का मसला हो, ज्ञानवापी का मसला हो, ईदगाह मथुरा का मसला हो, चाहे जामा मस्जिद का मसला हो, चाहे कुतुबमीनार का मसला हो, चाहे ताजमहल का, चाहे रूमी गेट का मसला हो. रूमी गेट को कहा जा रहा है कि ये राम द्वार है. इस तरह से उनके जितने भी धार्मिक स्थल हैं वो मस्जिद के ऊपर बने हुए हैं ये पूरी तरह से गलत है. लोगों को लड़ाने की बात है, मैं इन बातों का खंडन करता हूं. 


चीजें बहुत अजीब हैं
फजलुल मन्नान ने कहा कि अगर उन्हें तोड़कर बनाया जा रहा था तो जब तोड़ा जा रहा था आप कहां थे. सबसे पहले मैं ये कहना चाहता कि मुझ पर इल्जाम आया कि मौलाना माहौल खराब कर रहे हैं. मैं प्रशासन से पूछना चाहता हूं कि 22 मई का एलान 1090 से किसने किया था? यहां का वातावरण खराब करने की कौन बात कर रहा? मैंने आवाम से अपील की है कि आप सब लोग सुकून का दामन थामे रहिए, इस्तकबाल भूलिए नहीं. चीजें बहुत अजीब हैं, आवाम से अपील करूंगा कि इत्मिनान और सुकून के साथ नमाज के बाद अपने घरों को वापस जाएं, किसी किस्म की कोई नारेबाजी ना करें. कानून हाथ में लेने की कोशिश ना करें. जब हम लोग मौजूद हैं तो आप लोग जो प्रशासन कहे उस पर अमल करें. किसी बहकावे, अफवाह पर, फेक न्यूज पर कान ना धरिए.


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