UP Politics: 'आजम खान के लिए पार्टी ने लड़ी लंबी लड़ाई', शिवपाल यादव के तंज पर सपा नेता उदयवीर ने दिया जवाब
सीएम योगी आदित्यनाथ से सपा नेता रामगोपाल यादव की मुलाकात के बाद शिवपाल सिंह यादव ने सवाल पूछा है जिसका आज सपा नेता उदयवीर सिंह ने जवाब दिया.
UP News: समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) महासचिव रामगोपाल यादव (Ramgopal Yadav) की सीएम योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) से मुलाकात के बाद प्रसपा नेता शिवपाल यादव (Shivpal Singh Yadav) ने ट्वीट कर पूछा है कि न्याय की लड़ाई अधूरी क्यों लड़ी जा रही है. इस पर अब सपा नेता उदयवीर सिंह (Udaiveer Singh) ने जवाब दिया है. उन्होंने कहा कि जब भी समय आया सपा ने अलग-अलग तरीकों से मुद्दों का विरोध किया है.
शिवपाल ने इसलिए पूछा यह सवाल
शिवपाल सिंह यादव ने मंगलवार को रामगोपाल यादव द्वारा सीएम योगी आदित्यनाथ को लिखी गई चिट्ठी का स्क्रीनशॉट शेयर करते हुए ट्वीट किया था. शिवपाल ने पूछा, 'न्याय की यह लड़ाई अधूरी क्यों हैं? आजम खान साहब, नाहिद हसन, शहजिल इस्लाम.....और अन्य कार्यकर्ताओं के लिए क्यों नहीं ?' दरअसल, रामगोपाल यादव ने सीएम योगी से मुलाकात कर सपा के कुछ नेताओं के खिलाफ हो रही कार्रवाई की सीबीआई जांच की मांग की थी जिसके बाद शिवपाल ने यह ट्वीट किया था.
आजम खान के लिए पार्टी ने लड़ी लंबी लड़ाई - उदयवीर
उदयवीर शिवपाल को जवाब देते हुए कहा, 'जब जब समय आया बातें हुईं. सपा ने विभिन्न तरीकों से उन मुद्दों का विरोध किया. शहजिल इस्लाम की बात हो तो सभी 11 विधायकों का प्रतिनिधि मंडल सीनियर लीडर्स के नेतृत्व में बरेली गया था. आजम खान के साथ अन्याय हुआ. पार्टी और उन्होंने बहुत लंबी लड़ाई लड़ी है. कई बार विधान परिषद को रोका गया, कई बार विधानसभा रोकी गई. विधान परिषद मैंने खुद इस सवाल को उठाया था. लोकसभा में कई बार इस पर बात हुई, राष्ट्रीय अध्यक्ष खुद दो बार रामपुर गए. जगह-जगह इस मुद्दे को उठाया गया. जब-जब कोई अन्याय और अत्याचार चल रहा होता है परिस्थितियों के हिसाब से पार्टी तय करती है कि हम क्या करेंगे, प्रोफेसर रामगोपाल की मुलाकात पर कोई आश्चर्य नहीं होनी चाहिए.'
कौन बीजेपी से अंदर, कौन बाहर से मिला है - उदयवीर
उदयवीर सिंह ने कहा कि संवैधानिक पदों पर बैठे लोगों से विपक्ष के नेता मिलकर अपनी बात रखते रहते हैं. उन्होंने शिवपाल के ट्वीट पर कहा कि जिसकी जैसी भावना है वह वैसा देखेगा. अंतर इस बात से पड़ता है कि कौन बीजेपी के साथ अंदर से मिला है और कौन बीजेपी के पास लोकतांत्रिक बात कहने जा रहा है.
ये भी पढ़ें -