लखनऊ: यूपी एसटीएफ ने बागपत जेल में मारे गए अंडरवर्ल्ड डॉन मुन्ना बजरंगी के गिरोह के कुख्यात शूटर अभिनव प्रताप सिंह को गिरफ्तार कर लिया है. अयोध्या के ज्ञानापुर के अभिनव उर्फ बडू को चिनहट के मटियारी से दबोचा गया हौ. शूटर अंडरवर्ल्ड डॉन मुन्ना बजरंगी के खास साथी रांची जेल में बंद अमन सिंह के लिए रंगदारी वसूलने का काम करता था. अभिनव प्रताप सिंह पर लखनऊ, अयोध्या, मिर्जापुर के अलावा झारखंड के धनबाद में डकैती, हत्या, धोखाधड़ी के 11 मुकदमे दर्ज हैं.
बर्खास्त सिपाही का है करीबी
कुख्यात अभिनव पूर्वांचल के एक बाहुबली के करीबी बर्खास्त सिपाही अजय सिंह का रिश्तेदार भी है. पुलिस ने बताया कि अभिनव बर्खास्त सिपाही अजय सिंह के आपराधिक ग्लैमर से प्रभावित था और स्टूडेंट लाइफ में अक्सर उससे मिलने अयोध्या जेल जाता था. वहीं उसकी मुलाकात अमन सिंह से हुई थी.
कोयले के कारोबार में वर्चस्व के लिए कर रहे थे खून खराबा
अमन सिंह और धर्मेंद्र सिंह उर्फ रिंकू सिंह धनबाद में कोयले के कारोबार में वर्चस्व बनाना चाहते थे. कुछ वर्षों से दोनों ने धनबाद और रांची की कोल कंपनियों के अधिकारियों और व्यापारियों से रंगदारी वसूलनी शुरू कर दी थी. रंगदारी न देने पर व्यापारियों और अधिकारियों की हत्या की वारदातें की जा रही थीं. पुलिस ने छानबीन शुरू की तो पता चला धनबाद और रांची जेल में बंद उत्तर प्रदेश के अम्बेडकर नगर के अपराधी अमन सिंह और प्रयागराज का धर्मेंद्र प्रताप सिंह उर्फ रिंकू इन सबके पीछे हैं. दोनों यूपी के शूटर के जरिए अपराध करा रहे हैं. इस जानकारी के बाद रांची के एडीजी स्पेशल ब्रांच मुरारी लाल मीना ने यूपी एसटीएफ से संपर्क किया. एसटीएफ के डिप्टी एसपी प्रमेश कुमार शुक्ला ने अपराधियों की कुंडली खंगालनी शुरू की तो कई सनसनीखेज बातें सामने आईं.
रिंकू सिंह के झारखंड के रसूखदार राजनीतिक लोगों और माफिया सरगनाओं से अच्छे संबंध हैं. यही वजह है उसने मिर्जापुर जेल में रहते हुए अमन सिंह के जरिए डिप्टी मेयर नीरज सिंह की हत्या की सुपारी ली. उसने वाराणसी जेल के डिप्टी जेलर अजय त्यागी की भी हत्या की थी. अमन और रिंकू से मिलने अभिनव अक्सर रांची और धनबाद जेल जाता था. दोनों से उसकी व्हाट्सएप और सिग्नल पर बातचीत होती थी. अमन और रिंकू जेल के अंदर से ही व्हाट्सएप और सिग्नल के जरिए कोल कंपनी के अधिकारियों और व्यापारियों से रंगदारी मांगते थे.
पवन सिंह भी कोयले के कारोबार में कूदना चाहता था. धनबाद में भाजपा विधायक डुल्लू महतो की कोयले की रेट लगती है. अमन सिंह ने वहां अपनी रैक लगवाने की कोशिश की लेकिन महतो ने उसका रास्ता रोक दिया. इससे बौखलाए अमन ने भाजपा विधायक डुल्लू महतो के दाएं हाथ राजेश गुप्ता की हत्या कराने का प्रयास भी किया. यही नहीं, धनबाद की अंबे कोल सोर्सिंग कंपनी के जीएम रेड्डी की गाड़ी पर ताबड़तोड़ फायरिंग करके दहशत फैलाई. धनबाद में ही राजेश कुमार सिंह से रंगदारी वसूली. वहां के सिटी फ्यूल पेट्रोल पंप के मालिक ने रंगदारी देने से मना किया तो उसके पंप पर दिनदहाड़े फायरिंग भी की.
अभिनव ने बताया कि अमन और रिंकू ने उसे धनबाद जेल के एक अधिकारी की हत्या का भी कॉन्ट्रेक्ट दिया था. हालांकि, हत्या से पहले ही पुलिस ने उसे दबोच लिया था. अभिनव ने बताया कि लखनऊ के गोमतीनगर विश्वासखण्ड स्थित एनजीओ अखण्ड ज्योति के संचालक अनुराग यादव का 25 लाख रुपया लेकर गुवाहाटी भागे उसके पार्टनर की तलाश में वो दिसम्बर में उसे सबक सिखाने वहां गया था. कई दिन तलाशने के बाद भी रहमान नहीं मिला तो वो लौट आया था.
शूटर के आकाओं ने की थी धनबाद के डिप्टी मेयर की हत्या
अमन और धर्मेंद्र धनबाद के डिप्टी मेयर नीरज सिंह की हत्या के मामले में जेल में बंद है. दोनों ने कोल इंडस्ट्री में वर्चस्व कायम करने के लिए झारखंड और उत्तर प्रदेश के अपराधियों का एक बड़ा नेटवर्क तैयार किया है. दोनों शातिर अपराधी झारखंड और उत्तर प्रदेश के बदमाशों से इंटरनेट कॉलिंग के माध्यम से संपर्क में रहते हैं. अभिनव जेल के बाहर रहकर दोनों के गिरोह की गतिविधियां संचालित कर रहा था. अमन और धर्मेंद्र यूपी के अंडरवर्ल्ड सरगना मुन्ना बजरंगी से भी जुड़े थे.
अभिनव ने बताया कि अयोध्या जेल में बंद अपने रिश्तेदार बर्खास्त सिपाही अजय सिंह के साढू संदीप सिंह के साथ उसने प्रॉपर्टी डीलिंग के साथ ही अपराध की शुरुआत की. वर्ष 2014 में अयोध्या में बैंक ऑफ बड़ौदा की कैश वैन से सवा करोड़ रुपए लूट की वारदात में संदीप सिंह गिरफ्तार हो गया और अभिनव ने कोर्ट में सरेंडर कर दिया था. इसी बीच अमन सिंह अयोध्या जेल से बाहर आ गया. जेल से छूटने के बाद अमन ने अयोध्या के प्रॉपर्टी डीलर फतेह वर्मा की हत्या की. आजमगढ़ के एक अस्पताल संचालक सरोज पांडे से रंगदारी मांगी. सुल्तानपुर के पत्रकार करुण मिश्र की हत्या की और धनबाद के डिप्टी मेयर व कोल व्यवसाई सूर्यदेव सिंह के भतीजे नीरज सिंह की हत्या समेत रंगदारी की कई वारदातें कीं.
अभिनव जेल के बाहर रहकर तमाम बड़े अपराधियों को जोड़ रहा था. इसी सिलसिले में उसकी मुलाकात ट्रिपल मर्डर केस में मिर्जापुर जेल में बंद धर्मेंद्र सिंह उर्फ रिंकू सिंह से हुई. वर्ष 2018 में अभिनव में अयोध्या से जिला पंचायत से सदस्य रेखा चौधरी के पति रामचंद्र के साथ प्रॉपर्टी डीलिंग शुरू की. उसने झांसी जेल में बंद मुन्ना बजरंगी से रामचंद्र की मुलाकात कराई और करोड़ों रुपए की जमीन की एक डील कराई. हालांकि, जमीन के सौदे में रामचंद्र बेईमानी करने लगा जिससे अभिनव से और मुन्ना बजरंगी से मनमुटाव हो गया. बाद में रामचंद्र ने मुन्ना बजरंगी और अभिनव समेत कई लोगों के खिलाफ अयोध्या कोतवाली में रंगदारी का मुकदमा दर्ज कराया जिसमें अभिनव को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया.
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