Lucknow University News: लखनऊ विश्वविद्यालय गीतों और फिल्मों को संरक्षित करने के लिए संगीत पुस्तकालय बनाने जा रहा है. अब इसमें अलग-अलग प्रकार के गीतों, लोकगीतों और फिल्मों को संरक्षित किया जाएगा. इस लाइब्रेरी में अलग-अलग फिल्मकारों, कलाकारों के जीवन से लेकर उनके काम तक की जानकारी यहां से लोग प्राप्त कर सकेंगे. इसकी तैयारी लगभग पूरी हो चुकी है और जल्द ही विश्वविद्यालय इस पर अपना काम शुरू कर देगा.
लखनऊ विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर आलोक राय ने बताया कि संगीत पुस्तकालय लखनऊ विश्वविद्यालय स्थित टैगोर लाइब्रेरी में ही बनाया जाएगा. इसमें विश्व भर के अलग-अलग गीतों ,लोकगीतों और डॉक्यूमेंट्री समेत अलग-अलग चीजों को संरक्षित किया जाएगा, जिससे फिल्म इंडस्ट्री और गीतों में रुचि रखने वाले छात्रों को काफी मदद मिलेगी. कोई छात्र इन पर शोध करना चाहेगा तो उसको भी आसानी से जानकारी मुहैया हो जाएगी. इस संगीत पुस्तकालय को ऑडियो लाइब्रेरी के फॉर्म में निर्माण कराया जाएगा. जहां पर एक स्क्रीन और हेडफोन लगा होगा ,यहां स्क्रीन में सारा डाटा लोड होगा और छात्र स्क्रॉल करके संगीत और इस क्षेत्र से जुड़ी जानकारी को सुन सकेंगे.
भातखंडे विश्वविद्यालय की ली जाएगी मदद
जानकारी के मुताबिक इसमें सबसे पहले दुष्यंत कुमार की गजलों को रिकॉर्ड किया जाएगा. लखनऊ विश्वविद्यालय भातखंडे विश्वविद्यालय की मदद से दुष्यंत कुमार की गजलों को गीतों का रूप देगा. दुष्यंत कुमार की गजलों में जो गजल गीत बनने लायक होगी उसको भातखंडे विश्वविद्यालय म्यूजिक देकर गीत में कन्वर्ट करेगा, जिसको ऑडियो फॉर्म में लखनऊ विश्वविद्यालय संगीत पुस्तकालय में रखेगा. शुरुआत दुष्यंत कुमार की गजल से होगी और आने वाले दिनों में ये कारवां और आगे बढ़ेगा.
संस्कृत संवर्धन को मिलेगा बढ़ावा
लखनऊ विश्वविद्यालय की कोशिश है कि विश्व के अलग-अलग देश और क्षेत्र और अलग-अलग परंपराओं के संगीत से छात्र परिचित हो सके. इसके लिए ये शुरुआत की जा रही है. विश्वविद्यालय का मानना है कि इससे संस्कृत संवर्धन को बढ़ावा मिलेगा.