Lucknow University: लखनऊ यूनिवर्सिटी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निर्वाचन क्षेत्र और लोकसभा सीट वाराणसी के आर्थिक और नागरिक सुविधाओं के विकास पर अध्ययन करने की तैयारी की है. यूनिवर्सिटी के प्रबंधन और वाणिज्य विभाग के शिक्षकों की ओर से ये एक साझा पहल की गई है. जिसके तहत पूरे क्षेत्र को चार हिस्सों को बांटा गया है जिसके आधार पर अध्ययन किया जाएगा.
लखनऊ यूनिवर्सिटी के कुलपति प्रोफेसर आलोक कुमार के नेतृत्व में प्रबंधन विभाग के शिक्षकों और संकाय के सदस्यों के दौरे के साथ ही इसकी औपचारिक शुरुआत हो चुकी है. शिक्षकों ने अपने दौरे में विकास से जुड़े पक्षों की जानकारी ली और उन्हें चार श्रेणियां में कनेक्टिविटी को मजबूत करना और बुनियादी ढांचे को बढ़ाना, धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देना, स्वास्थ्य और चिकित्सा सुविधा को बढ़ावा देना, औद्योगिक और अन्य संबंधित गतिविधियों में
बांटा गया है.
पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र पर होगा अध्ययन
प्रोफेसर आलोक कुमार ने बताया कि समग्र कल्याण में योगदान देने के लिए शिक्षाविदों को उद्योग और समाज से जोड़ने के प्रयास में, लखनऊ विश्वविद्यालय ने प्रधानमंत्री द्वारा अपने निर्वाचन क्षेत्र वाराणसी में की गई विकास की पहलों के कारण वाराणसी के नागरिकों और समाज को मिलने वाले आर्थिक लाभों का आंकलन करने का काम शुरू किया है.
पहले दौरे के बाद आई प्रारंभिक रिपोर्ट में टीम ने निष्कर्ष निकाला कि एक समग्र योजना की पहचान की गई है और उसे क्रमिक ढंग से लागू किया गया है. जिससे न केवल देश के बाकी हिस्सों के साथ वाराणसी की कनेक्टिविटी बढ़ी है, बल्कि श्री काशी विश्वनाथ कॉरिडोर और शहर में अन्य धार्मिक महत्व के स्थानों की पहल के साथ शहर के बुनियादी ढांचे को लगातार बढ़ती हुई अस्थिर आबादी को संभालने में सक्षम बनाया गया है.
वाराणसी को बीएचयू और रेलवे अस्पताल में चिकित्सा बुनियादी ढांचे को विकसित करने और मजबूत करने पर भी काफी प्रोत्साहन मिला है. इससे उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश और नेपाल की आबादी को मदद मिली है. बनारसी सिल्क उद्योग, लकड़ी के खिलौने उद्योग सहित ग्रामीण और कुटीर उद्योग को मजबूत करने के लिए एक व्यवस्थित प्रयास भी शुरू किया गया है.
इसके साथ ही अमूल डेयरी प्लांट की स्थापना ने डेयरी उद्योग से जुड़े लोगों को आर्थिक रूप से मजबूत किया है. लखनऊ विश्वविद्यालय ने वाराणसी में की गई पहलों और विकास के विस्तृत विश्लेषण के लिए अर्थशास्त्र, वाणिज्य, प्रबंधन और इसी तरह के विषयों से अलग-अलग छात्रों को शोध प्रबंध विषय आवंटित करने की योजना बनाई है.
ग्रेटर नोएडा: 1510 करोड़ रुपये से बनने वाली फिल्म सिटी का मास्टर प्लान तैयार, जानें कब है शिलान्यास