लखनऊ: उत्तर प्रदेश में कोरोना की रफ्तार धीमी पड़ती नजर आ रही है. कोरोना के केस लगातार कम हुए हैं और अब तक प्रदेश में पांच करोड़ से ज्यादा लोगों की कोविड जांच की गई है. आज प्रदेश का रिकवरी रेट 97.1 फीसदी हो गया है. पीक से एक्टिव मरीजों की संख्या में लगभग 93 प्रतिशत की कमी हुई है. प्रदेश में एक्टिव कोविड मरीजों की कुल संख्या 30 हजार से भी कम हो चुकी है. 


पूरी तरह से खत्म नहीं हुआ है कोरोना
इस बीच सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि ''हम लोगों को निरंतर जागरूक करते रहें क्योंकि कोरोना पूरी तरह से खत्म नहीं हुआ है. हमने उसे कुछ हद तक नियंत्रित किया है. भीड़ ना होने दीजिए, सरकार ने जो नियम बनाएं हैं लोगों से उसका पालन करवाएं. इससे हम तीसरी लहर को आने से पहले ही नियंत्रित कर लेंगे.'' 






सीएम ने जताई थी नाराजगी  
हाल ही में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश के अधिकतर जिलों में कोरोना कर्फ्यू में छूट के दौरान लोगों की तरफ से लापरवाही बरतने पर नाराजगी जाहिर की थी. उन्होंने कहा था कि इस रियायत का मतलब 'लापरवाही' की छूट होना नहीं है. राज्य सरकार के एक प्रवक्ता ने बताया था कि मुख्यमंत्री ने टीम-9 की बैठक में कहा कि, "कोरोना कर्फ्यू से छूट का आशय लापरवाही की छूट होना नहीं है. कई जिलों में लोगों के मास्क न लगाने, बाजारों में अनावश्यक भीड़, सामाजिक दूरी का पालन ना करने जैसी जानकारी मिली है. ये स्थिति किसी के लिए भी अच्छी नहीं है." उन्होंने कहा था कि कोरोना महामारी के खिलाफ लड़ाई जीतने के लिए हर एक नागरिक का सहयोग आवश्यक है.


बना कोविड जांच का नया कीर्तिमान 
सीएम योगी ने कहा था कि, ''पुलिस प्रशासन को सक्रियता बढ़ाने की जरूरत है. लोगों को जागरूक भी करें, साथ ही गश्त, निरीक्षण और जरूरत पड़ने पर दंडात्मक कार्रवाई भी की जानी चाहिए. सभी जिलाधिकारी एवं पुलिस अधीक्षक शासन द्वारा जारी आदेशों का प्रतिबद्धतापूर्वक अक्षरशः पालन सुनिश्चित कराएं.'' सीएम ने हिदायत दी थी कि कोरोना कर्फ्यू से जुड़े नियमों का कड़ाई से पालन कराया जाए. उन्होंने कहा कि रात्रि कालीन बन्दी को प्रभावी बनाने के लिए शाम छह बजे से ही पुलिस और स्थानीय प्रशासन सक्रिय हो जाएं और कहीं भी भीड़ की स्थिति ना बने.


यीपी के मुख्यमंत्री ने कहा था कि, ''प्रदेश ने पांच करोड़ कोविड जांच का नया कीर्तिमान बनाया है. इतनी जांच किसी भी अन्य राज्य द्वारा नहीं की गईं. कोरोना संक्रमण की रोकथाम में ट्रेसिंग-टेस्टिंग के महत्व को दृष्टिगत रखते हुए उत्तर प्रदेश ने प्रारंभ से ही आक्रामक नीति अपनाई है. यही कारण है कि आज प्रदेश में स्थिति नियंत्रण में है.'' सीएम ने ये भी कहा था कि एक जून से राज्य के सभी 75 जिलों में शुरू हुए 18 साल और उससे अधिक उम्र के लोगों के टीकाकरण अभियान में लोगों की भागीदारी उत्साहजनक है. 


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