UP News: उत्तर प्रदेश सरकार खेतों में पराली जलाने (Stubble Buring) वालों पर कानूनी शिकंजा कसने की तैयारी कर रही है. पराली जलाने पर जुर्माना लगाने से लेकर अनधिकृत कृषि उपकरणों को जब्त करने और एफआईआर दर्ज करने पर विचार कर रही है. पराली जलाने (Burning Agricultrual Residue) के नुकसान को उजागर करने वालों के बारे में जागरूकता अभियान चलाए गए थे, लेकिन उन्होंने बेहतर परिणाम नहीं दिखाए. नासा (NASA) की एक संस्था द्वारा पिछले पखवाड़े 18 जिलों में आग लगने की 800 अलग-अलग घटनाओं की सूचना दी गई थी.
इन जिलों में जलाई गई थी पराली
इनमें अलीगढ़, बाराबंकी, फतेहपुर, कानपुर नगर, मथुरा, हरदोई, संभल, गाजियाबाद, गौतम बौद्ध नगर, मेरठ, सहारनपुर, रामपुर, लखीमपुर खीरी, पीलीभीत, शाहजहांपुर, बुलंदशहर, शामली और बरेली जिले शामिल हैं. शाहजहांपुर के पुवायां के किसान गुरपाल सिंह ने कहा, 'हमारे लिए पराली के निपटान का सबसे आसान तरीका उन्हें जलाना है. अन्य उपाय जैसे उन्हें विशेष उपकरणों से उखाड़ना, जैव रसायनों का छिड़काव आदि खर्चीला होने के साथ ही बहुत श्रम साध्य है.' उन्होंने कहा, 'अगली फसल के मद्देनजर खेत तैयार करने के लिए जल्दी करने की जरूरत होती है, और ऐसे में मेरे जैसे गरीब किसानों के पास पराली जलाने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा है. ' गुरपाल को 2019 में पराली जलाने के लिए दंडित किया गया था.
किसानों पर लगाया गया है हजारों का जुर्माना
रामपुर जिले में 55 हजार रुपये का जुर्माना किसानों पर लगा है.इसी तरह फतेहपुर जिले में भी प्रशासन ने पराली जलाने वाले किसानों से 27,000 रुपये जुर्माना वसूल किया है. फतेहपुर जिला प्रशासन ने पराली के कचरे को कम करने के लिए आवश्यक उपकरणों के बिना काम कर रहे 16 हार्वेस्टरों को भी जब्त कर लिया है. राज्य सरकार के निर्देशानुसार, उत्तर प्रदेश में खेतों में कृषि अवशेष या कचरा जलाते हुए पकड़े जाने पर दो एकड़ से कम के खेतों के लिए 2500 रुपये, दो-पांच एकड़ के लिए 5,000 रुपये और पांच एकड़ से अधिक के खेतों के लिए 15,000 रुपये का जुर्माना लगाए जाने का प्रावधान है.
मुख्य सचिव ने अधिकारियों को दिए निर्देश
बुलंदशहर के अपर जिलाधिकारी (वित्त) विवेक कुमार मिश्रा ने कहा, 'जुर्माने के अलावा, किसानों को बार-बार अपराध करने पर छह महीने तक के कैद का सामना करना पड़ सकता है.' पश्चिमी उत्तर प्रदेश का बुलंदशहर जिला राज्य के सबसे खराब वायु गुणवत्ता वाले जिलों में से एक है. उधर, मुख्य सचिव ने अधिकारियों के नाम चिट्ठी जारी की है जिसमें उनसे कहा गया है कि वे पराली जलाने वाले किसानों के खिलाफ कानूनी दंडात्मक कार्रवाई सुनिश्चित करें, और उनके बीच पर्यावरण पर पड़ने वाले नकारात्मक प्रभाव के बारे में जागरूकता भी पैदा करें. सरकारी सूत्रों के अनुसार, इन कानूनी दंडात्मक कार्रवाइयों में पराली जलाने वालों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करना भी शामिल है.
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