लखनऊ: नीट (नेशनल एलीजीबिलिटी इंट्रेंस एक्जामिनेशन-2020) में शत प्रतिशत नंबर पाकर टॉप करने वाली कुशीनगर (अभिनायकपुर) की कुमारी आकांक्षा सिंह को बुधवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सम्मानित किया. यहां अपने आवास पर आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने कहा कि आकांक्षा की एमबीबीएस (यूजी) की पढ़ाई का पूरा खर्चा (प्रवेश, हॉस्टल, मेस आदि) राज्य सरकार उठाएगी. भविष्य में कोई परेशानी न हो इसके लिए पूरी रकम एक मुश्त दी जाएगी.
आकांक्षा रोल मॉडल हैं
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे बच्चों खास कर बालिकाओं के लिए आकांक्षा रोल मॉडल हैं. लोग उनसे प्रेरणा लें इसके लिए उनके गांव को जोड़ने वाली सड़क का नाम उनके नाम पर होगा. मुख्यमंत्री ने कहा कि अति पिछड़े जिले से होने के बावजूद आकांक्षा ने सफलता का जो कीर्तिमान रचा है वो उनकी मेहनत, लगन, जज्बे और जुनून का सबूत है. साथ ही प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे बच्चों खासकर बच्चियों के लिए प्रेरक भी.
परिवार को शुभकामनाएं
सीएम ने कहा कि नवरात्र में सरकार ने बहू-बेटियों के सम्मान, शक्तिकरण और स्वावलंबन के लिए जो कदम उठाया है उसके लिए भी आकांक्षा खुद में रोल मॉडल हैं. इस सफलता को लिए पूरे परिवार को मेरी शुभकामनाएं. मुझे पूरा भरोसा है कि आकांक्षा सफलता के इस सिलसिले को जारी रखेंगी. सरकार आकांक्षा को संयुक्त टॉपर घोषित करने के लिए नीट को पत्र भी लिखेगी मालूम हो कि कम उम्र के नाते परीक्षा में पूरा अंक हासिल करने के बाद उनको दूसरा रैंक मिला है.
माता-पिता को शॉल देकर किया सम्मािनित
मुख्यमंत्री को आकांक्षा के पिता राजेंद्र राव ने बताया कि वो एअरफोर्स से सेवानिवृत्त हैं, पर हाल ही उनको प्रदेश सरकार में शिक्षक की नौकरी भी मिल गयी है. इस पर मुख्यमंत्री ने मुस्कुराते हुए कहा कि बिटिया का सिलेक्शन, पत्नी (रूचि सिंह) भी शिक्षक, आपकी तो लॉटरी ही लग गई. पति पत्नी दोनों लोग पूरे मनोयोग से पढ़ाएं. इस मौके पर मुख्यमंत्री ने आकांक्षा और उनके छोटे भाई अमृतांश को टैबलेट, माता-पिता को शॉल देकर सम्मािनित किया।
सपना साकार होने जैसा
आकांक्षा ने कहा, मेरे लिए यह सपना साकार होने जैसा है. हम पूर्वांचल के हैं. बतौर गोरक्षपीठाधीश्वर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ हमारे लिए श्रद्धेय हैं. स्वाभाविक है उनसे मिलने की दिली तमन्ना थी. इस तमन्ना के पूरी होने पर जो खुशी हो रही है उसे शब्दों में नहीं बया कर सकती. प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे साथियों से आकांक्षा ने सफलता के मूलमंत्र भी शेयर किये. आकांक्षा ने कहा कि लक्ष्य ऊंचा रखें. इसे हासिल करने के लिए रणनीति बनाकर प्रयास करें. हार्ड वर्क के साथ स्मार्ट वर्क भी सफलता के लिए जरूरी है. असफलता से हताश न हों. उसकी वजह तलाशें और लक्ष्य हासिल करने के लिए फिर से जी जान से जुट जाएं.
न्यूरो सर्जरी में शोध करने की इच्छा
आकांक्षा शुरू से ही मेधावी रहीं हैं. हाईस्कूल और इंटरमीडिएट की शिक्षा उन्होंने क्रमश: नवजीवन मिशन स्कूल कसया और दिल्ली के प्रगति पब्लिक स्कूल से हासिल की है. इन दोनों परीक्षाओं में उनके नंबर क्रमश: 97.6 और 96.4 फीसद रहे. पहले ही प्रयास में उन्होंने नीट जैसी सम्मानित देश स्तरीय परीक्षा में पहला स्थान हासिल किया. एम्स दिल्ली से एमबीबीएस करने के बाद उनकी इच्छा न्यूरो सर्जरी में शोध करने की है.
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