Uttar Pradesh News: सांसदों और विधायकों के साथ प्रदेशहित में संचालित विकास परियोजनाओं के पड़ताल की शृंखला में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) ने बुधवार को बरेली और देवीपाटन मंडल (Bareilly-Devipatan divisions) की समीक्षा की. विशेष बैठक में मुख्यमंत्री ने एक-एक कर जनपद बरेली, पीलीभीत, शाहजहांपुर, बदायूं, गोंडा, श्रावस्ती, बहराइच और बलरामपुर जिलों से आए सांसद व विधायकों से उनके क्षेत्र के विकास योजनाओं की जानकारी ली. सीएम ने शीतलहर के बीच आम जनमानस के साथ-साथ खेती-किसानी और गोवंश आदि की सुरक्षा के लिए की गई व्यवस्थाओं के बारे में पूछा और आवश्यकतानुसार दिशा-निर्देश भी दिए.
बैठक में जनप्रतिनिधियों ने नवीन विकास कार्यों के बारे क्षेत्रीय जनाकांक्षाओं से भी अवगत कराया और इस संबंध में अपने प्रस्ताव भी दिए. मुख्यमंत्री ने सांसदों और विधायकों के इन प्रस्तावों पर तत्काल कार्यवाही के लिए मुख्यमंत्री कार्यालय को निर्देशित भी किया. मुख्यमंत्री आवास पर हुई इस बैठक में मुख्यमंत्री द्वारा प्रमुख दिशा-निर्देश दिए गए.
सीएम ने क्या दिशा निर्देश दिए
प्रधानमंत्री के 'ट्रेड, टेक्नोलॉजी और टूरिज्म' मंत्र को आत्मसात कर उत्तर प्रदेश समृद्धि के नए सोपान चढ़ रहा है. बेहतर कानून-व्यवस्था और नीतिगत सुधारों के माध्यम से आज देश-दुनिया में निवेश का श्रेष्ठतम गंतव्य बनकर उभरा है. बरेली मंडल का हर जिला औद्योगिक विकास की अपार संभावनाओं से भरा है. बरेली, बदायूं, पीलीभीत और शाहजहांपुर सहित जिलों में बहुत पोटेंशियल है. देवीपाटन मंडल के हर जिले में पर्याप्त लैंडबैंक है. इको पर्यटन की बड़ी संभावना है. जनप्रतिनिधि के रूप में आप अपने क्षेत्र के ब्रांड एम्बेसेडर हैं. इन खूबियों से देश-दुनिया का परिचय कराने के लिए आपको ठोस प्रयास करना होगा.
ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट को लेकर
आगामी 10-12 फरवरी को उत्तर प्रदेश ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट का आयोजन किया जा रहा है. समिट से पहले दुनिया भर के निवेशकों को उत्तर प्रदेश में निवेश का आमंत्रण देने की हमारी कार्ययोजना को आशातीत सफलता मिली है. 16 राष्ट्रों में हुए रोड शो से 7 लाख 12 हजार करोड़ रुपये से अधिक के निवेश का मार्ग प्रशस्त हुआ है. विदेश में रोड शो की सफलता के बाद अब देश के प्रमुख महानगरों में उद्योग जगत को आमंत्रित करने के लिए रोड शो का आयोजन हो रहा है.
जीआईएस-2023 ऐतिहासिक होने जा रहा है. व्यापक निवेश से बड़ी संख्या में रोजगार के अवसर सृजित होंगे, जिसका सीधा लाभ हमारे युवाओं को मिलेगा. विदेशी और घरेलू निवेशक रोड शो से प्रेरणा लेते हुए अनेक जनपदों ने जिला स्तर पर निवेशक सम्मेलन आयोजित किए और हजारों करोड़ के निवेश प्रस्ताव प्राप्त किए. ऐसे ही प्रयास बरेली और देवीपाटन मंडल में भी किये जाने चाहिए.
जनपदीय निवेशक सम्मेलन के आयोजन के लिए सांसद के नेतृत्व में विधायक गण कमान संभालें, जिला प्रशासन, औद्योगिक अवस्थापना विभाग, इन्वेस्ट यूपी और मुख्यमंत्री कार्यालय से सहयोग लें. अपने क्षेत्र के उद्यमियों, व्यापारियों, प्रवासी जनों से संवाद-संपर्क बनाएं. उन्हें प्रदेश सरकार की औद्योगिक नीतियों, सेक्टोरल पॉलिसी की जानकारी दें. अपने क्षेत्र के पोटेंशयिल का परिचय दें और निवेश के लिए प्रोत्साहित करें. जनप्रतिनिधियों के सहयोग से यह इन्वेस्टर्स समिट नई ऊंचाइयों को छूने वाला होगा.
सांसद-विधायक गण प्रदेश सरकार की नई औद्योगिक नीतियों का व्यापक प्रचार प्रसार करें. स्थानीय विश्वविद्यालय/ महाविद्यालयों/पॉलिटेक्निक/आईटीआई में युवाओं के बीच इन पर परिचर्चा कराई जाए. जनप्रतिनिधि इन कार्यक्रमों में प्रतिभाग करें. जनप्रतिनिधि क्षेत्र में संचालित विकास परियोजनाओं का निरीक्षण करते रहें. यह योजनाएं स्थानीय जनप्रतिनिधियों की छवि निर्माण में सहायक हैं. गुणवत्ता और समयबद्धता सुनिश्चित करने में जनप्रतिनिधियों को योगदान करना होगा. प्रदेश में धान खरीद सुचारु रूप से चल रहा है. जब तक एक भी किसान क्रय केंद्र पर आएगा, खरीद जारी रहेगी. शीतलहर के बीच क्रय केंद्रों की व्यवस्थाओं का जनप्रतिनिधि भी निरीक्षण करते रहें.
निराश्रित गोवंश संरक्षण के लिए
निराश्रित गोवंश संरक्षण के लिए राज्य सरकार के स्तर पर निराश्रित गो-आश्रय स्थल निर्माण, सहभागिता योजना, तथा कुपोषित परिवारों को गाय उपलब्ध कराने की तीन योजनाएं चल रही हैं. जनप्रतिनिधियों को रुचि लेकर इन योजनाओं का प्रचार-प्रसार करना चाहिए. संभ्रांत परिवारों को भी गौ-पालन के प्रति प्रेरित किया जाना चाहिए. गौ-आधारित प्राकृतिक खेती से किसानों को जोड़ने का प्रयास करें. बदायूं के वृहद गोसंरक्षण केंद्र परिसर में गाय के गोबर से पेंट निर्माण का अच्छा प्रयास किया गया है. इससे अन्य जिलों में भी गोआश्रय स्थलों को जोड़ा जाना चाहिए.
निराश्रित गोवंश प्रबंधन में हर जनप्रतिनिधि का सहयोग आवश्यक है. बरेली इस दिशा में एक मॉडल प्रस्तुत कर सकता है. छोटे-छोटे गो-आश्रय स्थलों के स्थान पर बड़े आश्रय स्थल का विकास किया जाना उचित होगा. प्रबंधन की दृष्टि से यह उपयोगी होगा. यहां बायो फ्यूल प्लांट लगाए जा सकेंगे. सांसद और विधायक गण क्षेत्रीय जरूरतों के अनुसार इसके लिए भूमि उपलब्ध कराने में सहयोग करें. निजी संस्था/ट्रस्ट को प्रोत्साहित करें. शासन स्तर से हर संभव मदद दी जायेगी. बलरामपुर में भारतरत्न श्रद्धेय अटल बिहारी वाजपेयी चिकित्सा महाविद्यालय का निर्माण अंतिम चरण में है. इस महाविद्यालय के बन जाने के बाद बलरामपुर जिले और नेपाल बॉर्डर से सटे लोगों को बड़ी सुविधा होगी.
तुलसीपुर में मां पाटेश्वरी का पावनधाम है. यहां वर्ष भर बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं का आवागमन होता है. यहां बस स्टेशन की आवश्यकता है. इस संबंध में यथाशीघ्र कार्यवाही की जाएगी. गांवों में अंत्येष्टि स्थलों के विकास आवश्यक हैं. इसी प्रकार कस्बों में बस स्टेशनों के जीर्णोद्धार की भी जरूरत है. जनप्रतिनिधियों को इन कार्यों में सहयोग करना चाहिए. स्थानीय सांसद/विधायक भूमि की उपलब्धता कराएं, हमें प्रस्ताव दें, सरकार की ओर से हर संभव सहयोग दिया जाएगा. लोगों की सुविधा, सुरक्षा और समृद्धि सरकार की नीतियों के मूल में है.
वर्ष 2017 में गोंडा की पहचान देश के सबसे गंदे नगर के रूप में थी. जनसहयोग से बीते साढ़े पांच-छह वर्षों के भीतर इस स्थिति में व्यापक सुधार हुआ है. इसे और बेहतर करना होगा. जनप्रतिनिधि पहल करें, लोगों को स्वच्छता की मुहिम से जोड़ें. तकनीक का बेहतर इस्तेमाल करें. आज सोशल मीडिया संवाद का बेहतरीन माध्यम बन कर उभरा है. सभी सांसद/विधायकगणों को इस मंच का उपयोग करना चाहिए. केंद्र व राज्य सरकार की लोककल्याणकारी योजनाओं, औद्योगिक नीतियों, रोजगारपरक कार्यक्रमों के बारे में सकारात्मक भाव से सोशल मीडिया मंच पर अपनी राय रखनी चाहिए. जनता से संपर्क-संवाद बनाने में यह मंच अत्यंत उपयोगी है.