Uttar Pradesh News: साइबर ठगों ने व्हाट्सएप हैक करने का एक ऐसा फॉर्मूला खोजा है जिसे सुनकर आपके होश उड़ जाएंगे. शातिर ठग खुद जिओ, रिलायंस, वोडाफोन, एयरटेल या बीएसएनएल जैसी मोबाइल कंपनियों का कर्मचारी बनकर कॉल करते हैं और पूछते हैं कि नेटवर्क से संबंधित कोई समस्या तो नहीं आ रही है. समस्या बताने पर ठग उन्हें एक नंबर पर कॉल करने को कहते हैं और यह दावा करते हैं उस नंबर पर कॉल करने से नेटवर्क एकदम सटीक हो जाएगा. यह नंबर हैशटैग के बाद कोई भी चार नंबर हो सकते हैं. साइबर ठग इस कोड के आगे अपना मोबाइल नंबर जोड़ने को कहते हैं.


ऐसे करते हैं ठगी
वास्तव में हैशटैग वाला जो नंबर साइबर ठग देते हैं वो मोबाइल कंपनियों का ऐसा कोड नंबर होता है जिससे कॉल डाइवर्ट हो जाती है. हर मोबाइल कंपनी का कोड नंबर अलग अलग होता है. जब भी कोई व्यक्ति उस कोड नंबर पर ठगों का मोबाइल नंबर जोड़कर कॉल करता है तो उसकी कॉल ठगों के नंबर पर डाइवर्ट हो जाती है. अपने नंबर पर कॉल डाइवर्ट करने के बाद साइबर ठग उसका व्हाट्सएप अकाउंट अपने मोबाइल पर रीइंस्टॉल कर लेते हैं. मोबाइल पर व्हाट्सएप रीइंस्टॉल होते ही व्हाट्सएप के सारे ग्रुप और उसके सदस्यों के मोबाइल नंबर ठगों के पास पहुंच जाते हैं. इसके बाद शुरू होता है ठगी का सिलसिला. 


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मिल रहीं शिकायतें
साइबर ठग अपने शिकार के व्हाट्सएप ग्रुप के सदस्यों को अलग-अलग बहाने वाले मैसेज भेजते हैं और पैसा मंगाने लगते हैं. जब कोई व्यक्ति कंफर्म करने के लिए फोन करता है तो साइबर ठग फोन काट देते हैं और व्हाट्सएप पर ही कोई न कोई बहाना बनाकर चैट करने को कहते हैं. इससे लोगों को विश्वास हो जाता है कि पैसे की जरूरत है और वह ठगों के बताए हुए वॉलेट या अकाउंट में रुपया भेज देते हैं. लखनऊ समेत उत्तर प्रदेश के अलग-अलग जनपदों से रोज ऐसी तमाम शिकायतें साइबर क्राइम सेल को मिल रही हैं जिस पर पुलिस एक्टिव हो गई है और लोगों को जागरूक करने के साथ ही ठगों से सावधान रहने की अपील कर रही है.


एसपी साइबर सेल ने क्या बताया
इस बारे में जानकारी देते हुए एसपी साइबर सेल त्रिवेणी सिंह ने बताया कि, एक इस तरह का गैंग काम कर रहा है जो आपके व्हाट्सएप को हैंग कर लेता है, वो आपका नंबर गूगल पर सर्च करता है और देख लेता है कि किस ऑपरेटर से संबंधित है, फिर वो उस कंपनी की कर्मचारी बनकर हेडक्वार्टर से बात करने को कहता है और पूछता है कि क्या आपका नेट सही चल रहा है. नेट की स्पीड ठीक मिल रही है आपको अगर आप कहते हैं कि कभी नेट सही चलता है और कभी खराब तो वो ठग आपसे कहेगा कि मैं आपको एक नंबर देता हूं और आप इस को डायल कीजिए जिससे आपके नेट की स्पीड सही हो जाएगी. लोग यकीन कर लेते हैं. वो नंबर स्टॉर से शुरु होता है, जैसे **12*. उसके बाद ये दस अंक का अपना मोबाइल नंबर डाल देते हैं. 


एसपी साइबर सेल ने आगे बताया कि, आपको ये लगता है कि जो कॉल मैं उस कंपनी के दफ्तर में कॉल रहे हैं जिस कंपनी का सिम यूज कर रहा हूं, लेकिन फैक्ट ये है कि जैसे ही आप उस नंबर पर कॉल करते हैं तो उसका नंबर उनके नंबर पर डायल हो जाता है. अब जो भी आपके नंबर पर कॉल आएगा अब वो कॉल उस ठग के नंबर पर आएगी अब वो उस कॉल को सुनता है, जिसके बाद वो गूगल प्ले स्टोर पर जाता है वॉट्स एप डाउनलोड करता है एक फोन पर और आपका नंबर डाल देता है. जब आपका नंबर डालेगा तो वॉट्स एनेबल के लिए वॉट्सएप आपको दो नंबर देता है. एक तो एसएमएस के थ्रू आपको जो ओटीपी आता है उसके थ्रू आप वॉट्स एप शुरु कर सकते हैं और दूसरा वॉइस कॉल की जरिए. वो वॉइस कॉल डाल देता है तो कॉल सीधे उसके पास आएगी और उनके नंबर पर वो एक्टीवेट हो जाता है.


एसपी साइबर सेल ने बताया कि, उसके बाद आप आप जिस भी ग्रुप में होंगे वो उन लोगों को मैसेज करता है कि मैं इमरजेंसी में हूं पैसा चाहिए, हॉस्पिटल में हूं पैसे की जरुरत हैं इस तरीके से कैसा भी बहाना बनाकर वो पैसों की डिमांड करेगा. आपको उसका नंबर भी शो होगा और उसकी डीपी में लगी फोटो भी तो आप पैसे दे देते हैं. अगर आप कन्फर्म करना चाहते हैं और कॉल करेंगे तो आपका नंबर उनके फोन में डायवर्टेड है तो बदमाश के हाथ में ही कॉल जाती है. बदमाश उस कॉल को काट देगा और आप समझेंगे कि निश्चित रुप से किसी इमरजेंसी में फंसे है इसलिए कॉल भी काट दे रहा है और आप पैसा डाल देते हैं. इस तरह से बहुत से लोग शिकार हुए हैं, इसलिए जब भी कोई इस तरह का मैसेज आए की आपके नेट की स्पीड ठीक चल रही है कि नहीं और अगर वो किसी नंबर पर फोन करने को कहे तो उस नंबर पर कॉल न करें.


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