लखनऊ: उत्तर प्रदेश सरकार ने कोविड-19 महामारी के कारण माध्यमिक शिक्षा परिषद (यूपी बोर्ड) की हाईस्कूल और इण्टरमीडिएट की परीक्षाएं निरस्त किए जाने के बाद परीक्षार्थियों को प्रोन्नत करने का फार्मूला तय कर लिया है. उपमुख्यमंत्री डॉ दिनेश शर्मा ने बताया कि कुल 29 श्रेणियों का फॉर्मूला तय किया गया है, जिसके तहत अब रिजल्ट बनने हैं. उपमुख्यमंत्री दिनेश शर्मा ने कहा कि यूपी बोर्ड के 10वीं और 12वीं कक्षा के छात्रों को प्रोन्नत करने के लिए पारदर्शी फार्मूला तय किया गया है. डिप्टी सीएम ने बताया कि फार्मूला तय करने के लिए एक उच्च स्तरीय 11 सदस्यीय समिति का गठन किया गया था. समिति की तरफ से पेश की गई रिपोर्ट को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंजूरी दे दी. 


उपमुख्यमंत्री डॉ दिनेश शर्मा ने बताया कि इस बार इण्टरमीडिएट परीक्षाफल हाईस्कूल के 50 प्रतिशत अंक, कक्षा 11 की वार्षिक अथवा छमाही परीक्षा के 40 प्रतिशत अंक तथा कक्षा 12 के प्री बोर्ड के 10 प्रतिशत अंक के आधार पर घोषित किया जाएगा. 


- कक्षा-10 बोर्ड परीक्षा के कुल प्राप्तांक के औसत का 50 प्रतिशत. औसत का आगणन कक्षा-10 के सम्पूर्ण विषयों के कुल प्राप्तांक को कुल विषयों की संख्या अर्थात 6 से विभाजित करके आगणित किया जाएगा.
- कक्षा-11 की वार्षिक परीक्षा में सम्बन्धित विषय विशेष के 100 अंक के पूर्णांक का 40 प्रतिशत अंक.
- कक्षा-12 की प्री-बोर्ड परीक्षा में सम्बन्धित विषय विशेष के 100 अंक के पूर्णांक का 10 प्रतिशत अंक.


डॉ दिनेश शर्मा ने बताया कि इसी तरह हाईस्कूल (10वीं) के लिए कक्षा नौ की परीक्षा के 50 प्रतिशत अंक तथा कक्षा 10 की प्री बोर्ड परीक्षा के 50 प्रतिशत अंक के आधार पर परीक्षाफल घोषित किया जाएगा. 


-कक्षा-9 की  70 अंको की वार्षिक विषयवार लिखित परीक्षा का 50 प्रतिशत अंक.
-कक्षा-10 की 70 अंको की प्री-बोर्ड विषयवार लिखित परीक्षा का 50 प्रतिशत अंक.
-वर्ष 2021 में विद्यालय स्तर पर सम्पादित 30 अंको की आन्तरिक मूल्यॉकन परीक्षा के अंक.


डॉ दिनेश शर्मा ने बताया कि इण्टरमीडिएट के व्यक्तिगत अथवा संस्थागत, जिस किसी भी परीक्षार्थी के कक्षा 11 की दोनों परीक्षाओं, वार्षिक और अर्द्ध वार्षिक अथवा कक्षा 12 की प्री बोर्ड परीक्षा तथा हाईस्कूल के जिस किसी भी परीक्षार्थी के कक्षा नौ की वार्षिक परीक्षा अथवा कक्षा 10 की प्रीबोर्ड परीक्षा के अंक उपलब्ध नहीं होंगे, उन्हें बिना अंकों के सामान्य रूप से प्रोन्नत कर दिया जाएगा. 


मेरिट सूची तैयार नहीं कराई जाएगी
शर्मा ने बताया कि 2021 की परीक्षा में उत्तीर्ण हुए परीक्षार्थियों की मेरिट सूची नहीं तैयार करायी जाएगी। 2021 के पंजीकृत सभी परीक्षार्थी जो अंक सुधार के लिए परीक्षा में दोबारा शामिल होना चाहते हैं उन्हें आगामी बोर्ड परीक्षा में शुल्क दिये बिना एक या एक से अधिक विषयों की परीक्षा में बैठने का अवसर दिया जाएगा.


छात्रों को मिलेगा अंक सुधार का मौका 
उपमुख्यमंत्री ने बताया कि 2021 की परीक्षा में पंजीकृत कुल परीक्षार्थियों की संख्या 56,04,628 है. हाईस्कूल परीक्षा में कुल 29,94,312 परीक्षार्थी पंजीकृत हैं जिसमें संस्थागत परीक्षार्थी 29,74,487 और व्यक्तिगत परीक्षार्थी 19,825 हैं. इण्टरमीडिएट परीक्षा में कुल 26,10,316 परीक्षार्थी पंजीकृत हैं जिनमें संस्थागत परीक्षार्थी 25,17,658 और व्यक्तिगत परीक्षार्थी 92,658 हैं. उन्होंने का कि वर्ष 2021 के पंजीकृत परीक्षार्थी, जो अंक सुधार के लिए परीक्षा में सम्मिलित होना चाहते हैं, उन्हें आगामी बोर्ड परीक्षा में शुल्क दिए बिना एक या एक से अधिक, कितने भी विषयो में परीक्षा में बैठने का अवसर दिया जाएगा. उनका परीक्षाफल वर्ष 2021 का ही माना जाएगा.


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