Uttar Pradesh News: सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य (SP Leader Swami Prasad Maurya) ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कार्यकाल  (Yogi Adityanath Government) के रिकॉर्ड 6 साल पूरे होने पर पलटवार किया है. उन्होंने कहा बड़ी बात ये है कि 6 साल में हुआ क्या, महंगाई-बेरोजगारी से लोग परेशान हैं. किसान का गेहूं और धान बिचौलियों के माध्यम से बिक रहा है. छुट्टा जानवरों की वजह से फसल चौपट हो रही है. रसोई गैस की कीमत आसमान छू रही है. जीएसटी से व्यापारियों का शोषण हो रहा है. जनता की कसौटी पर सरकार फेल है.


छुट्टा जानवरों के हमले से घायल या जान गंवाने वालों को मुआवजा देने की बात पर मौर्य ने कहा कि हमले की नौबत ही क्यों आए. बड़े पैमाने पर गौशाला बनाकर छुट्टा जानवरों को वहां क्यों नहीं रखा जाता. जानवरों के खुला घूमने पर सरकार का नियंत्रण क्यों नहीं हो पाया है. घोषणाएं बहुत होती हैं, चुनाव नजदीक आता है तो घोषणाओं की झड़ी लग जाती है, लेकिन घोषणा से काम नहीं चलता, क्रियान्वयन होना चाहिए.


बसपा प्रमुख मायावती पर साधा निशाना
सपा के कोलकाता में राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक पर स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा, "बहन जी को तकलीफ किस बात की है. समाजवादी पार्टी अपना अधिवेशन कोलकाता में करे या पोरबंदर में करे, बहन जी को सिर दर्द क्यों हो रहा है. इसका मतलब है सपा की बढ़ती ताकत से बहन जी भयभीत हैं. जब से मायावती बाबा साहेब के मिशन से हटी हैं, कांशीराम के सामाजिक परिवर्तन आंदोलन को टाटा बाय-बाय किया है, तब से उनका जनाधार घट गया है. चार बार की सीएम रहने वाली मायावती का सिर्फ एक विधायक रह गया है. उन्हें किसी पर उंगली उठाने से पहले अपने अंतर्मन में झांक कर देखना चाहिए. उन्होंने जो गलतियां की थीं आज बहुजन समाज उसी की बदौलत खत्म होता जा रहा है और बसपा का पूरा जनाधार सपा के साथ खड़ा हो गया है."


बीजेपी के सूफी सम्मेलन पर क्या कहा
मायावती के आरएसएस वाले आरोप पर स्वामी प्रसाद ने कहा कि बहन जी अपने ऊपर लगने वाले आरोप को समाजवादी पार्टी पर डालकर बच निकलने की कोशिश करेंगी,  लेकिन जनता सब जानती है कि बहन जी की बैकिंग कहां से हुई है. वहीं बीजेपी के सूफी सम्मेलन के सवाल पर उन्होंने कहा कि दिखावे से काम नहीं चलता. आप किसी को सम्मान देते हैं तो सत्ता और शासन में क्या हिस्सेदारी दे रहे हैं. उसके डेवलपमेंट के लिए क्या काम कर रहे हैं. एक तरफ मदरसों पर छापा मरवा कर जेल में डालेंगे और दूसरी तरफ मुस्लिम समाज के हमदर्द बनने की नौटंकी करेंगे. ये मुस्लिम समाज के गले से नीचे नहीं उतर रहा है. एक तरफ तो सफाया करने का अभियान चल रहा है, दूसरी तरफ गले लगाने की नौटंकी चल रही है.


अतीक अहमद के मामले पर क्या कहा
अतीक अहमद के मामले में मुख्य आरोपियों की गिरफ्तारी न होने पर मौर्य ने कहा कि उमेश पाल की हत्या बहुत बड़ी घटना है. मुख्यमंत्री के पास तमाम जांच एजेंसियां उपलब्ध होने के बाद भी अभी तक सही अपराधी तक न पहुंच पाना सरकार की असफलता का सबसे बड़ा नमूना है. अतीक के सफेदपोश से फोन पर बातचीत पर उन्होंने कहा कि सफेदपोश कौन है. सरकार की एजेंसियों को तय करना है. सरकार जनसामान्य के आगे उस सफेदपोश नेता का चेहरा भी सामने लाए.


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