UP News: उत्तर प्रदेश राज्य योजना आयोग (Uttar Pradesh Rajya Yojana Ayog) का नाम बदलकर अब स्टेट ट्रांसफॉर्मेशन कमीशन (State Transformationb Commission) कर दिया गया है. यह फैसला मंगलवार को कैबिनेट बैठक लिया गया. राज्य के मंत्रियों का कहना है कि इससे उत्तर प्रदेश का ट्रांसफॉर्मेशन होगा, जबकि विपक्ष का कहना है कि सरकार केवल नाम बदलने का काम करती है. वास्तविकता में धरातल पर कोई काम नहीं करते और दिल्ली की नकल कर रही है.


सीएम के अलावा ये मंत्री होंगे सदस्य
उत्तर प्रदेश राज्य योजना आयोग की स्थापना 24 अगस्त 1972 को हुई थी. कैबिनेट बैठक में इसका नाम  बदलकर यूपी स्टेट ट्रांसफॉर्मेशन कमीशन करने के प्रस्ताव को मंजूरी मिली. अब योजना आयोग को इसी नाम से जाना जाएगा. साथ ही इसके पुनर्गठन का फैसला भी कैबिनेट ने लिया है.  यूपी स्टेट ट्रांसफॉर्मेशन कमीशन का स्ट्रक्चर कुछ इस प्रकार होगा जिसमें अध्यक्ष सीएम होंगे, जबकि वित्त मंत्री, डिप्टी सीएम, कृषि मंत्री के अलावा समाज कल्याण मंत्री, पंचायती राज मंत्री, औद्योगिक विकास मंत्री, जलशक्ति मंत्री, नगर विकास मंत्री और राज्य मंत्री नियोजन पदेन सदस्य होंगे. कैबिनेट के इस फैसले पर डिप्टी सीएम बृजेश पाठक का साफ तौर पर कहना है कि इससे यूपी का ट्रांसफॉर्मेशन होगा और वन ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी का जो लक्ष्य सरकार ने रखा है उसे भी पूरा करने में काफी मदद मिलेगी.


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सिर्फ नाम बदलती है यह सरकार - सपा
सत्ता में आने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने योजना आयोग का पुनर्गठन कर उसे नीति आयोग बना दिया था. अब ठीक उसी तर्ज पर उत्तर प्रदेश में 50 वर्ष पुराने योजना आयोग का स्टेट ट्रांसफॉर्मेशन कमीशन के रूप में पुनर्गठन किया जा रहा है, इसे लेकर समाजवादी पार्टी ने सरकार पर निशाना साधा है. उनका साफ तौर पर कहना है कि ये सरकार केवल नाम बदलने का काम करती है. ये सरकार केवल शहरों के नाम, चौराहों के नाम बदल रही है, इससे कोई बदलाव नहीं होने वाला, सरकार वास्तविकता में कोई काम नहीं कर रही हैं.


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