लखनऊ, एबीपी गंगा। सीतापुर रोड खदरा में संदिग्ध परिस्थितियों में 20 अप्रैल को घर के अंदर जले टेंपो चालक अरविंद निषाद (23) की शनिवार को इलाज के दौरान सिविल अस्पताल में मौत हो गई। मौत से आक्रोशित परिजनों ने अरविंद की प्रेमिका और उसकी मां की गिरफ्तारी की मांग को लेकर पक्के पुल पर शव रख जाम लगाकर हंगामा किया।


पुलिस के खिलाफ नारेबाजी


हंगामे के दौरान गुस्साए परिजनों ने करीब दो घंटे तक पुलिस के खिलाफ नारेबाजी की। हंगामा बढ़ता देख मौके पर पहुंचे सीओ महानगर ने कार्रवाई का आश्वासन देकर उन्हें शांत कराया। हंगामे के चलते सीतापुर रोड पर भीषण जाम लगा रहा।


बहन ने बताई पूरी घटना


अरविंद की बहन ज्योति निषाद ने बताया कि 'एक साल से पड़ोस में रहने वाली एक लड़की से भाई का प्रेम प्रसंग था। लड़की के घर वाले भी शादी के लिए तैयार थे। 20 अप्रैल को पिता पवन, मां नीलम, चाचा सुधीर घर के भूतल पर थे। भाई पहली मंजिल पर था। दोपहर पीछे के रास्ते से लड़की और उसकी मां भाई के पास कमरे में पहुंचे। इसी बीच शोर सुनाई दिया।



शोर सुनकर नीचे से मां ने भाई को आवाज देकर पूछा क्या हुआ बेटा। इस पर भाई ने कहा कि लड़की और उसकी मां शादी की बात करने आई हैं। आप लोग कुछ देर बाद आना। कुछ देर बाद भाई की चीख पुकार सुनकर परिजन ऊपर पहुंचे तो भाई आग की लपटों से घिरा था। भाई को आनन-फानन ट्रॉमा लेकर पहुंचे। जहां से सिविल अस्पताल भेज दिया गया। भाई ने बयान में बताया कि उसे प्रेमिका और उसकी मां ने जलाया है। बावजूद इसके रिपोर्ट नहीं दर्ज हुई।'