Lumpy Virus: कुशीनगर में बढ़ा लंपी वायरस का खतरा, सर्विलांस टीम बनाकर हो रहा टीकाकरण
Kushinagar: कुशीनगर में 141 गोवंश लंपी वायरस की चपेट में हैं, वहीं 14 गोवंश की मौत लंपी वायरस की मौत हो गई है. जिसे देख प्रशासन ने बचाव कार्य शुरू कर जिले की सीमाएं सील कर दी है.
Lumpy Virus in Kushinagar: उत्तर प्रदेश के कुशीनगर जिले में गोवंश पर खतरा मंडरा रहा है. जिले में 141 गोवंश लंपी वायरस की चपेट में हैं, जबकि 14 गोवंश की अब तक मौत हो चुकी है. इससे पशुपालकों की चिंता बढ़ गई है. गोवंशीय पशुओं में लंपी वायरस के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए बड़े स्तर पर बचाव कार्य शुरू कर दिया गया है. जनपद की सीमाएं सील कर दी गई हैं, शासन की तरफ से खासतौर पर अपील की गई है कि यहां से न कोई पशु बाहर जाने पाए और न ही बाहर के पशु जिले में आएं.
कुशीनगर में लंपी वायरस तेजी से फैल रहा है. वहीं प्रशासन बचाव का दावा कर रहा है लेकिन दावा फेल होता हुआ नजर आ रहा है. ऐसे में विभाग ने ब्लॉक स्तर पर 14 सर्विलांस टीमें बनाई गई है, जो अपने क्षेत्र के गांवों में भ्रमण कर लंपी वायरस से संक्रमित पशुओं का इलाज कराएंगी. जो चिकित्साधिकारी के नेतृत्व में कार्य कर रही हैं. इसके अलावा तीन मोबाइल वेटनरी एंबुलेंस भी संचालित की जा रही हैं.
एक लाख से ज्यादा पशुओं को लगा टीका
वर्तमान समय में कुशीनगर जिले में 1,65,224 गोवंशीय पशु हैं. लंपी वायरस के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए पशुओं के टीकाकरण पर जोर दिया जा रहा है. कुल 1,40,440 पशुओं को इस वायरस का टीका लगाने का लक्ष्य था. इसके लिए 1.40 लाख डोज वैक्सीन प्राप्त हुई. इनमें से 1,16,300 पशुओं को टीका लगाया जा चुका है.
विभाग की मानें तो अब तक जिले के 256 गांवों में 1076 गोवंशीय पशु इस जानलेवा बीमारी की चपेट में आए हैं. टीकाकरण और इलाज से 921 पशुओं की जान बचाई गई है, जबकि 141 पशु अभी भी इस खतरनाक बीमारी की चपेट में हैं. इसके अलावा 14 पशुओं ने दम तोड़ दिया है. इसे देखते हुए शासन के निर्देश पर बिहार और अन्य जनपदों से लगने वाली जनपद की सीमाओं को सील कर दिया गया है. कड़ी चौकसी बरतने का निर्देश दिया गया है.
पशु आश्रम केंद्र में मौजूद पशुओं को लगा टीका
कप्तानगंज नगर पंचायत के कान्हा पशु आश्रम में 31 पशु मिले. पशु आश्रम केंद्र में पशु चिकित्साधिकारी ने बताया कि इस केंद्र में 31 पशु हैं. लंपी वायरस संक्रमण की आशंका को देखते हुए सभी पशुओं का टीकाकरण करा दिया गया है. आश्रम की सफाई और फॉगिंग भी कराई गई है. कोई भी पशु लंपी बीमारी से अभी तक पीड़ित नहीं हुआ है.
जनपद की सीमाएं सील
लंपी बीमारी पर नियंत्रण को लेकर शासन-प्रशासन गंभीर है. शासन की ओर से जनपद की सीमाएं सील करा दी गई हैं. पशुओं के टीकाकरण पर जोर दिया जा रहा है, क्योंकि जिले में अभी भी 141 पशु इस बीमारी की चपेट में हैं. इस बीमारी से बचाव के लिए सर्विलांस टीम, जोनल मजिस्ट्रेट नामित किए गए हैं. मोबाइल वेटनरी एंबुलेंस का संचालन किया जा रहा है. इसके अलावा पडरौना के पशु चिकित्सालय में जनपद स्तर का कंट्रोल रूम स्थापित किया गया है, जहां 24 घंटे डॉक्टर और कर्मचारी तैनात रहेंगे.
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