चंद्र ग्रहण में सूतक काल का नहीं होगा प्रभाव, जानिये आखिर क्या है ज्योतिषों का मत
5 जून को पड़ने वाला चंद्र ग्रहण आम चंद्र ग्रहण से अलग होगा. यह एक प्रकार का उपछाया होगा. इसे ग्रहण की श्रेणी में नही रखा जाता
जोशीमठ. ज्योतिष के लिहाज से इस महीने दो ग्रहण पड़ रहे हैं. पहला चंद्र ग्रहण और दूसरा सूर्य ग्रहण. आज हम बात करेंगे चंद्र ग्रहण की जो तीन दिन बाद यानि 5 जून को लगेगा. ज्योतिषाचार्यों के अनुसार यह ग्रहण, ग्रहण न होकर चंद्र ग्रहण की उपछाया होगा. चंद्र ग्रहण की उपछाया ग्रहण की श्रेणी में नहीं आता है. जिसका मठ- मंदिरों में सूतक काल का असर नहीं होगा. बदरीनाथ धाम मंदिर सहित अन्य मठ मंदिर बन्द नहीं रहेंगे.
बदरीनाथ धाम के धर्माधिकारी ने पंचांग गणना के बाद बताया इस ग्रहण के सूतक का मंदिरों पर कोई असर नहीं होगा. मंदिरों की पूजा प्रक्रिया रोजाना की तरह ही होगी. वहीं उन्होंने बताया उपछाया ग्रहण को ग्रहण नहीं माना जाता है. 21 जून को सूर्य ग्रहण होगा जिसका असर बदरीनाथ सहित अन्य मंदिरों पर भी दिखेगा. सूर्यग्रहण सूतक काल के दौरान मंदिर बंद रहेंगे.
ये हैं ग्रहण के सूतक काल 5 जून को लगने वाला चंद्र ग्रहण 3 घंटे 18 मिनट का होगा. यह एक पेनुमब्रल चंद्र ग्रहण होगा जिसमें आमतौर पर एक पूर्ण चंद्रमा से अंतर करना मुश्किल होता है. यह चंद्र ग्रहण 5 जून को रात 11:15 बजे से शुरू होगा, रात 12:54 बजे इसका सबसे ज्यादा असर दिखाई देगा और 6 जून 02:34 बजे समाप्त हो जाएगा. हालांकि उपच्छाया चंद्र ग्रहण होने के कारण इसका सूतक काल मान्य नहीं होगा. वहीं, 21 जून के सूर्य ग्रहण का आंशिक ग्रहण सुबह 9:15 पर शुरू होगा. 12:10 पर अधिकतम ग्रहण और दोपहर 3:04 बजे आंशिक ग्रहण समाप्त होगा. इस ग्रहण का सूतक काल 12 घंटे पहले ही लग जाएगा.
ज्योतिषियों के अनुसार इस साल लगने वाले ग्रहण काफी अहम हैं. खासकर सूर्य ग्रहण पर सबसे ज्यादा ज्योतिषियों की नजर है, क्योंकि यह ग्रहण मिथुन राशि में लगेगा. ज्योतिषियों के अनुसार इससे मिथुन राशि के जातकों पर विशेष प्रभाव पड़ेगा.