Varanasi News: वाराणसी के गायघाट कोतवाली थाना अंतर्गत एक हैरान करने वाली घटना हुई है जिसने पूरे जनपद को स्तब्ध करके रख दिया. मां काली के प्रति अपार आस्था रखने वाले पुजारी ने दर्शन न मिलने से आहत होकर खुद के गर्दन को ही काट डाला. इसके बाद पुजारी को लहूलुहान देखकर परिजन आनन फानन में उन्हें लेकर BHU के ट्रामा सेंटर पहुंचे, जहां चिकित्सकों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया. शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है. अब जनपद के लोगों में इस बात को लेकर चर्चा है कि जो नियमित तौर पर खुद मां भगवती के प्रति इतनी आस्था रखता था, वह इतना बड़ा कदम कैसे उठा सकता है.


एसीपी कोतवाली डॉ. इशांत सोनी की तरफ से एबीपी लाइव को मिली जानकारी के अनुसार, कोतवाली थाना अंतर्गत गायघाट क्षेत्र से एक दर्दनाक घटना सामने आई है जिसमें 40 वर्षीय अमित शर्मा जो पुजारी का कार्य करते थे, नियमित तौर पर विधि विधान से वह पूजन कार्य करते हैं. उन्होंने खुद के जीवन को ही समाप्त कर लिया. परिवार ने पूछताछ में बताया कि - बीते 24 घंटे से वह एक कमरे में बंद होकर पूजा पाठ कर रहे थे. 


इनका मानना था कि अब इन्हें देवी - भगवान के दर्शन होंगे लेकिन दर्शन न होने की वजह से आहत होकर इन्होंने अपना गला काट लिया. जैसे ही उन्हें लहूलुहान हालत में परिजनों ने देखा, आनन फानन में पुजारी को BHU के ट्रामा सेंटर ले जाया गया जहां चिकित्सको ने मृत घोषित कर दिया. इसके बाद शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है और आगे की विधिक कार्रवाई की जा रहीं है.


इस घटना से स्तब्ध है पूरा जनपद
वाराणसी धर्म की नगरी है, जहां लोगों द्वारा अपनी अपनी आस्था के अनुसार देवी देवताओं का पूजन कार्य किया जाता है. अच्छे मार्ग पर चलने के लिए, सभी कष्ट बाधाओ से मुक्ति के लिए लोग भगवान की शरण में जाते हैं. लेकिन गायघाट के इस घटना के बाद लोगों के बीच इस बात की चर्चा है कि विज्ञान, आधुनिकता और  सामाजिक जागरूकता के दौर में लोग ऐसे कदम उठा रहे हैं यह बहुत चिंताजनक है. प्राप्त जानकारी के अनुसार पुजारी अमित शर्मा द्वारा न सिर्फ विधि विधान से देवी देवताओं का पूजन किया जाता था. बल्कि जनपद के प्रमुख धार्मिक पर्यटन स्थलों पर भी लोगों को भ्रमण कराया जाता था.


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