Madhumita Shukla murder: अमरमणि त्रिपाठी को लेकर अजय राय ने उठाए BJP सरकार पर सवाल, कहा- 'बेटियों को मारने वालों को...'
Madhumita Shukla Murder Case: कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय राय ने अमरमणि त्रिपाठी की रिहाई के फैसले को लेकर बीजेपी सरकार पर तीखा हमला किया. उन्होंने कहा इससे समाज में गलत संदेश जाएगा.
Amarmani Tripathi Release: कवयित्री मधुमिता शुक्ला (Madhumita Shukla) हत्याकांड में जेल में सजा काट रहे पूर्व मंत्री अमरमणि त्रिपाठी (Amarmani Tripathi) और उनकी पत्नी मधुमणि की रिहाई को लेकर सियासत तेज हो गई है. कांग्रेस (Congress) प्रदेश अध्यक्ष अजय राय (Ajay Rai) ने सरकार के इस फैसले का विरोध किया है. उन्होंने बीजेपी सरकार पर हमला करते हुए कहा कि ऐसे लोगों को रिहा नहीं करना चाहिए, इससे समाज में गलत संदेश जाएगा. हम इस फैसले की निंदा करते हैं.
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय राय ने अमरमणि त्रिपाठी की रिहाई के फैसले को लेकर बीजेपी सरकार पर तीखा हमला किया. उन्होंने कहा कि, "ये सरकार बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ का नारा देती है और जो लोग बेटियों की हत्या में जेल में बंद हैं, सजायाफ्ता है और इतने जघन्य अपराध में शामिल हैं उनको इस तरह छोड़ना उचित नहीं होगा. इसका समाज में गलत संदेश जाएगा. क्योंकि जिन लोगों ने इस तरह का जघन्यतम अपराध या हत्याएं की हैं. खासकर महिलाओं का सम्मान नहीं किया, सरकार को ऐसे लोगों को नहीं छोड़ना चाहिए हम इसका विरोध करते हैं."
अजय राय ने किया फैसले का विरोध
मधुमिता शुक्ला की बहन निधि शुक्ला ने सरकार से अमरमणि की रिहाई पर रोक लगाने की मांग की है, जिस पर अजय राय ने कहा कि "सरकार पूरी तरीके से इसमें लगी हुई. बिना सरकार की मर्जी के इसमें कुछ नहीं होता है. जो लोग बेटियों को मार रहे हैं उनको ये सरकार छोड़ रही है. इसका बुरा संदेश समाज में जाएगा. जो लोग ऐसी घटनाओं में शामिल हैं उन्हें कठोर से कटोर दंड देना चाहिए और कठोर कार्रवाई करनी चाहिए."
जानें- क्या है पूरा मामला?
आपको बता दें कि 9 मई 2003 को लखनऊ की पेपर मिल कॉलोनी में रहने वाली चर्चित कवयित्री मधुमिता शुक्ला की उनके घर में घुसकर गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. हत्या के बाद जांच में सामने आया कि मधुमिता शुक्ला 7 महीने की गर्भवती थीं. डीएनए जांच में बच्चे के पिता के तौर पर अमरमणि त्रिपाठी का सामने आया, जिसके बाद मधुमिता की बहन निधि शुक्ला ने इंसाफ के लिए लड़ाई लड़ी. 24 अक्टूबर 2007 को इस मामले में अमरमणि, उनकी पत्नी मधुमणि, भतीजे रोहित चतुर्वेदी और शूटर संतोष राय को उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी. तभी से वो गोरखपुर की जेल में बंद थे.