(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Prayagraj: नकली नोट छापने के मामले में सील हुआ था मदरसा, नोटिस का दिया जवाब
UP News: नकली नोट छापने वाले जामिया हबीबिया मदरसे ने आज प्रयागराज विकास प्राधिकरण में अपना जवाब दाखिल कर दिया है. नकली नोटों की फैक्ट्री पकड़े जाने के बाद मदरसे को सील कर दिया गया था.
Prayagraj News: संगम नगरी प्रयागराज में नकली नोट छापने वाले जामिया हबीबिया मदरसे ने आज प्रयागराज विकास प्राधिकरण में अपना जवाब दाखिल कर दिया है. विकास प्राधिकरण के दफ्तर में आज मदरसे के पदाधिकारी और वकील पेश हुए और चार सितंबर को जारी नोटिस का जवाब दाखिल किया. नकली नोटों की फैक्ट्री पकड़े जाने के बाद प्रयागराज विकास प्राधिकरण ने अवैध निर्माण की शिकायत पाए जाने पर इस मदरसे को चार सितंबर को सील कर दिया था. तब से यह मदरसा और इसके अंदर की मस्जिद बंद पड़ी हुई है.
हालांकि मदरसा कमेटी की तरफ से विकास प्राधिकरण में 12 सितंबर को ही लिखित जवाब दाखिल कर दिया गया था. सौ पन्नों से ज्यादा की रिपोर्ट नक्शे समेत विकास प्राधिकरण के अफसरों को सौंपी गई थी. विकास प्राधिकरण ने मदरसे के प्रतिनिधि को आज अपने दफ्तर में पक्ष रखने के लिए बुलाया हुआ था. जानकारी के मुताबिक मदरसा कमेटी की तरफ से दाखिल किए गए जवाब में सब कुछ सही होने का दावा किया गया है. कहा गया है कि मदरसा कैंपस का सभी निर्माण पूरी तरह वैध है. सभी निर्माण विकास प्राधिकरण समेत दूसरे सरकारी विभागों की अनुमति से ही तैयार किए गए हैं.
नोटिस के जवाब में मदरसा पक्ष ने क्या कहा?
नोटिस के जवाब में बताया गया है कि मदरसा परिसर में स्थित मस्जिद ए आज़म तीन सौ साल से ज्यादा पुरानी है. मदरसे की स्थापना 84 साल पहले 1940 में की गई थी. उस वक्त निर्माण के लिए ब्रिटिश हुकूमत से मंजूरी ली गई थी. देश की आजादी के बाद 1952 में नगर पालिका परिषद से नक्शा पास कराया गया था. उस वक्त प्रयागराज विकास प्राधिकरण अस्तित्व में नहीं था. विकास प्राधिकरण 1973 में अस्तित्व में आया है. इसके बाद 1981 में विकास प्राधिकरण से भी नगर पालिका के नक्शे को मंजूरी दिलाई गई थी.
मदरसा कमेटी ने अपने इन सभी दावों के दस्तावेज भी विकास प्राधिकरण के जवाब के साथ दाखिल किए हैं. कहा गया है कि इन सभी दस्तावेजों के परीक्षण के बाद भी अगर कोई आपत्ति या शंका है तो मदरसा अन्य डॉक्यूमेंट व जानकारी भी देने को तैयार है. मदरसा कमेटी के जवाब में सब कुछ सही होने की बात कही गई है.
कहा गया है कि अगर इसके बावजूद कोई सवाल या शंका है तो प्राधिकरण उस हिस्से का निरीक्षण और परीक्षण कर दस्तावेजों की जांच कर सकता है. मदरसा हर तरह से सहयोग करने को तैयार है. जवाब के जरिए मदरसे की सील को खोल कर इसे फिर से शुरू किए जाने की इजाजत दिए जाने की मांग की गई है. दलील दी गई है कि यहां रोजाना पांच वक्त नमाज होती थी. सील होने की वजह से नमाज बंद है. इसके अलावा यहां पढ़ने वाले सौ से ज्यादा बच्चों की पढ़ाई भी बंद है.
ये है मामला
दरअसल, प्रयागराज के इस मदरसे में 28 अगस्त को नकली नोट छापने की फैक्ट्री पकड़ी गई थी. पुलिस ने इस मामले में कार्यवाहक प्रिंसिपल समेत चार लोगों को गिरफ्तार किया था. अवैध निर्माण की शिकायत होने पर प्रयागराज विकास प्राधिकरण ने इसे चार सितंबर को सील कर दिया था. तब से यह मदरसा बंद चल रहा है. मदरसा कमेटी ने प्राधिकरण को दिए गए जवाब की कॉपी सुप्रीम कोर्ट और इलाहाबाद हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस को भी भेजी है, ताकि पूरा मामला उनके संज्ञान में रहे.
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