UP News: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में अल्पसंख्यक कल्याण विभाग द्वारा मदरसों का सर्वे (Madrasa Survey) कराया जा रहा है. अब तक कौशांबी (Kaushambi) जिले में भी कई मदरसों का सर्वे कराया जा चुका है. यहां तीन सदस्यीय टीम ने 12 बिंदुओं पर मदरसों की जांच की जिनमें से 18 ऐसे पाए गए जिन्होंने रजिस्ट्रेशन नहीं कराया है और न ही उनके पास कोई पुख्ता दस्तावेज मिले हैं. विभाग अब फर्जी मदरसों की सूची शासन को भेजेगा. 


11 मदरसों को मिल रहा है अनुदान


कौशांबी में 11 को सरकार से अनुदान मिला हुआ है. इसके अलावा 74 ऐसे हैं जिन्हें सरकारी अनुदान नहीं मिलता. यहां के मदरसों का 12 बिंदुओं पर सर्वे कराने का फरमान जारी किया गया था. सरकार का आदेश पारित होते ही कौशांबी के जिलाधिकारी सुजीत कुमार ने तीन सदस्यीय टीम गठित की जिसमें अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी,बेसिक शिक्षा अधिकारी, उप जिलाधिकारी शामिल हैं. जांच में पाया गया कि 18 मदरसों के पास रजिस्ट्रेशन नहीं है और वे देवबंद से जुड़े हुए हैं. जब दस्तावेज मांगे गए तो संचालकों ने बहानेबाजी शुरू कर दी.


25 अक्टूबर तक पूरा किया जाएगा सर्वे का काम


जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी सुनीता मंडार ने बताया कि अभी तक 85 मान्यता प्राप्त मदरसों की जांच पूरी कर ली गई है, जिनमें 11 सरकार की तरफ से अनुदानित हैं. इनके अलावा बाकी प्राइवेट है. सर्वे में अभी तक हमें कुल 18 मदरसे ऐसे मिले हैं, जो मान्यता प्राप्त नहीं है. उन्होंने बताया कि सर्वे के लिए 25 अक्टूबर तक समय है. उसके बाद रिपोर्ट शासन को भेजनी है. तब तक हम जांच की प्रक्रिया जारी रखी जाएगी.


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