UP News: माफिया अतीक अहमद की हत्या हो चुकी है लेकिन उसकी अवैध संपत्तियों और गिरोह की काली कमाई पर सरकार और कानून का शिकंजा लगातार कसता जा रहा है. इसी कड़ी में प्रयागराज पुलिस ने माफिया अतीक की दिल्ली के करीब ग्रेटर नोएडा में स्थित करोड़ों की बेशकीमती संपत्ति का पता लगाया है. माफिया अतीक की कोठीनुमा यह संपत्ति ग्रेटर नोएडा के सेक्टर 36 के A ब्लाक में 107 नंबर पर है. तकरीबन पौने चार करोड़ की यह कोठी को अतीक अहमद ने मन्नत नाम से तैयार कराई थी.
प्रयागराज के पुलिस कमिश्नर रमित शर्मा ने अतीक अहमद की मन्नत कोठी को अटैचड यानी कुर्क करने का आदेश जारी कर दिया है. माफिया की मन्नत कोठी को कुर्क करने का आदेश गैंगस्टर एक्ट की धारा 14 (1) के तहत जारी किया गया है. प्रयागराज पुलिस की एक टीम जल्द ही ग्रेटर नोएडा जाकर मन्नत को कुर्क करेगी. कुर्की की कार्रवाई के दौरान डुगडुगी बजाकर मुनादी भी कराई जाएगी. असिस्टेंट पुलिस कमिश्नर श्वेताभ पांडेय की अगुवाई में प्रयागराज पुलिस की टीम के अगले हफ्ते ग्रेटर नोएडा जाकर माफिया अतीक की कोठी मन्नत को औपचारिक तौर पर कुर्क करने की उम्मीद है.
पुलिस की जांच में साफ हुआ है कि माफिया अतीक अहमद ने ग्रेटर नोएडा की मन्नत कोठी को काली कमाई के जरिए तैयार किया था. इस जांच के दौरान पुलिस को काली कमाई के जरिए इसे खरीदे जाने के तमाम अहम दस्तावेज मिले थे. पुलिस ने अपनी जांच के दौरान प्रशासन, विकास प्राधिकरण और बैंक की भी मदद ली थी. जांच में यह भी पता चला है कि प्रयागराज के चर्चित उमेश पाल और दो सरकारी गनर शूटआउट को अंजाम देने के बाद माफिया अतीक अहमद का बेटा असद और शूटर गुलाम कुछ देर के लिए इसी मन्नत कोठी में गए थे. आशंका जताई जा रही है कि कोठी में पहले से ही पैसा छिपा कर रखा गया था और असद व गुलाम पैसों को लेने के लिए ही ग्रेटर नोएडा की इस कोठी में गए थे.
गौरतलब है कि माफिया अतीक अहमद की हत्या के बाद भी उसकी अवैध संपत्तियों व गिरोह की काली कमाई को लेकर अब भी जांच जारी है. कुछ महीनों पहले ही प्रयागराज पुलिस ने माफिया अतीक की करोड़ों की ऐसी बेशकीमती बेनामी संपत्ति को गैंगस्टर एक्ट के तहत कुर्क किया था, जो बीपीएल कार्ड धारक राजमिस्त्री हुब लाल के नाम खरीदी गई थी. प्रयागराज के डीसीपी सिटी दीपक भूकर के मुताबिक पुलिस टीम जल्द ही ग्रेटर नोएडा जाकर माफिया अतीक की मन्नत कोठी का फिजिकल अटैचमेंट करेगी. उन्होंने कहा कि गैंगस्टर एक्ट के तहत जांच लगातार जारी है, अगर कोई नई संपत्ति पता चलती है तो उस पर भी कानून सम्मत उचित कार्रवाई की जाएगी.
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