Big Disclosure on Atiq Ahmed: हाल ही में उमेश पाल (Umesh Pal) अपहरण केस में दोषी करार दिए गए माफिया अतीक अहमद (Atiq Ahmed) की जिंदगी साबरमती जेल में ठाठ से बीत रही थी. ठाठ ऐसा कि जेल से ही अतीक रंगदारी वसूल रहा था और बकायदा उसका दरबार सजता था जिसमें उसे जेल की तरफ से स्वादिष्ट भोजन परोसा जाता था. उसके अलग से नहाने-धोने की भी व्यवस्था थी. यहां केवल अतीक की ही ऐश नहीं चल रही थी बल्कि उससे मुलाकात करने आने वालों को भी विशेष सुविधा मिलती थी. ABP ने Exclusive रिपोर्ट में इसका खुलासा किया था. आइए जानते हैं जेल में कैसे सजता था अतीक अहमद का दरबार और उसे मिलती थी क्या सुविधाएं...
सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर ही माफिया अतीक अहमद को प्रयागराज की नैनी सेंट्रल जेल से गुजरात की साबरमती जेल भेजा गया था. तीन जून 2019 को अतीक अहमद को प्रयागराज की नैनी सेंट्रल जेल से साबरमती जेल में शिफ्ट किया गया था. अतीक अहमद साबरमती जेल में तीन मोबाइल फोन का इस्तेमाल करता था. रिपोर्ट में खुलासा हुआ था कि जेल में माफिया का रोजाना दरबार सजता था. प्रयागराज और अन्य जगहों से उससे मिलने जाने वाले लोगों को बिना लिखा पढ़ी और एंट्री के ही जेल जाने की छूट होती थी. बाहर से आने वाले तमाम लोगों के रहने-खाने और नहाने-धोने की व्यवस्था जेल में ही की जाती थी. अतीक अहमद ने साबरमती जेल को होटल और धर्मशाला में तब्दील कर रखा था. अतीक अहमद अपने दफ्तर और घर की तरह लोगों से मुलाकात करता था और मोबाइल फोन पर निर्देश भी देता था.
जेल में देता था दावत
अतीक अहमद तीन मोबाइल फोन के जरिए लोगों को धमकाकर रंगदारी वसूलता था. हर शुक्रवार को वह पूरी जेल को स्वादिष्ट व्यंजन की दावत भी देता था. शुक्रवार को जुमे की नमाज के बाद अतीक अहमद जेल के कैदियों और कर्मचारियों के बीच बिरयानी बांटी जाती थी. जेल में शाम को अक्सर ही हुक्का पार्टी होती थी. अतीक से जेल में बिना किसी लिखा पढ़ी के मुलाकात करने वालों को जेल के नजदीक की एक चाय की दुकान से पर्ची मिलती थी. यहां तक कि परिवार के लोग बिना किसी औपचारिकता के उससे जेल में मुलाकात करते थे. जेल अफसरों और कर्मचारियों को अतीक इन सुविधाओं के बदले पैसे और महंगे तोहफे देता था. उमेश पाल शूटआउट केस के बाद भी अतीक अहमद जेल से मोबाइल फोन का इस्तेमाल करता था.
...तो वापस साबरमती नहीं भेजा जाएगा अतीक अहमद
प्रयागराज पुलिस को उमेश पाल शूट आउट केस में हिरासत में लिए गए गुर्गों से भी इसी तरह की जानकारी मिली थी. इसी आधार पर गोपनीय जांच कराकर रिपोर्ट तैयार की गई और उसे यूपी सरकार को भेजा गया, यूपी सरकार जल्द ही सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दाखिल करने की तैयारी में है. गुजरात सरकार ने भी साबरमती समेत कई जेलों में एक साथ छापेमारी की थी. ऐसी संभावना है कि उमेश पाल शूट आउट केस में रिमांड के लिए प्रयागराज लाए जाने के बाद अतीक को वापस साबरमती जेल नहीं भेजा जाएगा. जेल बदले जाने से अतीक अहमद की मुश्किलें बढ़नी संभव है.
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