Mahila Naga Sadhu: क्या महिला नागा साधु भी रहती हैं निर्वस्त्र? जानें- कैसी होती है इनकी रहस्यमयी जिंदगी
Magh Mela 2023 Prayagraj: महिला नागा साधु बनने की प्रक्रिया बहुत ही कठिन है. उन्हें 10 साल तक ब्रम्हचर्य का पालन करना होता है. इस दौरान बहुत मुश्किल समय से गुजरना होता है.
Mahila Naga Sadhu: नागा साधुओं का नाम आते ही आमतौर पर लोग समझते हैं कि पुरुष ही नागा साधु होते हैं, लेकिन ऐसा नहीं है. इसकी एक वजह यह भी है कि नागा साधु बिना कपड़ों के रहते हैं. यह बात बहुत कम लोगों को मालूम है कि नागा साधु महिलाएं भी होती हैं जो निर्वस्त्र यानी बिना कपड़ों के नहीं रहती हैं. हालांकि इनकी संख्या बहुत कम है. महिला नागा साधुओं की जिंदगी बहुत रहस्यमयी होती है. महिला नागा साधु बनना इतना आसान नहीं है, क्योंकि इनका जीवन बहुत कठिन होता है. पुरुष नागा साधु जिस तरह का कठिन जीवन जीते हैं वैसे ही महिला नागा साधु भी कठिन तपस्या करती हैं.
गुजरती हैं कठिन तपस्या से
खास बात यह है कि महिला नागा साधु कपड़े पहन सकती हैं. प्रयागराज के कुंभ या माघ मेले में आपको महिला नागा साधु दिख जाएंगी. पवित्र नदियों या संगम पर स्नान के बाद वे बहुत जल्दी वहां से वापस चली जाती हैं. इनकी संख्या बहुत कम है. महिला नागा साधु बनने की प्रक्रिया बहुत ही कठिन है. उन्हें 10 साल तक ब्रम्हचर्य का पालन करना होता है. इस दौरान बहुत मुश्किल समय से गुजरना होता है. गुरु के सामने यह साबित करना होता है कि वे नागा साधु बनने की योग्यता रखती हैं. इसके बाद गुरु उनको दीक्षा देते हैं.
त्यागना पड़ता है मोह-माया
महिला नागा साधुओं को अपने रहन-सहन और शरीर में कई तरह के बदलाव करने पड़ते हैं. यहां तक की उन्हें बाल रखने की भी इजाजत नहीं होती है. उन्हें अपना सिर मुंडवाना पड़ता है. उन्हें मोह-माया त्यागकर अपना घर परिवार छोड़ना पड़ता है. वे अपना जीवन पहाड़ों, जंगलों या गुफाओं में बिताती हैं. वे गेरुए रंग का एक ही कपड़ा पहनती हैं, लेकिन शर्त ये है कि वह कपड़ा सिला हुआ नहीं होना चाहिए. वे अपने शरीर पर भस्म लगाए रहती हैं. चाहे भीषण सर्दी हो या गर्मी उन्हें एक से ज्यादा कपड़े नहीं पहनना होता है. वे मौसम की परवाह नहीं करती हैं.
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