Magh Mela 2023: माघ मेला में VHP करेगी संत सम्मेलन, 'पठान' फिल्म के खिलाफ पारित करेगी प्रस्ताव
Prayagraj News: प्रयागराज में माघ मेले का आयोजन किया जाएगा जिसमें विश्व हिंदू परिषद भी हिस्सा लेने जा रही है. यहां वह विशेष कार्यक्रम के आयोजन की तैयारी कर रही है.
UP News: विश्व हिंदू परिषद (Vishwa Hindu Parishad) 25 जनवरी को प्रयागराज (Prayagraj) के माघ मेले (Magh Mela) में संत सम्मेलन (Sant Sammelan) का आयोजन कर रहा है. इस संत सम्मेलन में शंकराचार्यों (Shankaracharya) के साथ ही देश भर के 500 से ज्यादा संतों को आमंत्रित किया गया है. सम्मेलन में वैसे तो सनातन धर्मियों से जुड़े तमाम मुद्दों पर चर्चा की जाएगी. इसके अलावा फिल्म 'पठान' (Pathan) और लव जिहाद (Love Jihad) से जुड़े श्रद्धा मर्डर केस (Shradha Murder Case) पर भी खास तौर पर प्रस्ताव पारित किए जाएंगे. इसके साथ ही लिव-इन-रिलेशनशिप (Live-in-Relationship) के कानून को खत्म किए जाने की मांग भी प्रमुखता से की जाएगी.
संत सम्मेलन की अध्यक्षता राम मंदिर ट्रस्ट के वरिष्ठ सदस्य जगतगुरु स्वामी वासुदेवानंद सरस्वती करेंगे. सम्मेलन में ज्यादा से ज्यादा संतों को जुटाने और एजेंडे पर चर्चा कर प्रस्ताव पारित कराने के लिए विश्व हिंदू परिषद के केंद्रीय नेतृत्व की टीम इन दिनों माघ मेले से लेकर देश भर में सक्रिय होकर काम कर रही है. संतों से संपर्क कर उन्हें सम्मेलन में बुलाए जाने की सबसे अहम जिम्मेदारी संगठन के केंद्रीय मंत्री और प्रवक्ता अशोक तिवारी को दी गई है. अशोक तिवारी ही संगठन के संत संपर्क प्रमुख भी हैं. सम्मेलन को लेकर अशोक तिवारी ने पिछले एक हफ्ते से माघ मेले में ही डेरा जमा रखा है. उनके मुताबिक सम्मेलन में गंगा प्रदूषण- गौ रक्षा- हिंदू समाज को एकजुट करने, कुटुंब प्रबोधन, ग्राम चौपाल, महिलाओं की सहभागिता और धर्मांतरण जैसे परंपरागत विषयों पर चर्चा की जाएगी.
फिल्म पठान पर यह बोले वीएचपी प्रवक्ता
वीएचपी प्रवक्ता अशोक तिवारी के मुताबिक शाहरुख खान और दीपिका पादुकोण की फिल्म पठान अकेली ऐसी मूवी नहीं है, जिसके जरिए सनातन धर्म पर प्रहार करते हुए हिंदुओं की भावनाओं को ठेस पहुंचाया गया हो. पहले ऐसा लगता था कि फिल्म को रोचक बनाने के लिए इस तरह के दृश्य डाले जाते हैं लेकिन अब यह साफ हो गया है कि यह सब एक एजेंडे और साजिश के तहत किया जाता है. सनातन धर्मियों का मजाक उड़ाया जाता है. उसे दोयम दर्जे का बताया जाता है और टोपी लगाने वालों का महिमामंडन कर धर्म विशेष का प्रचार-प्रसार किया जाता है. इसे अब कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और इस बारे में संत सम्मेलन में कुछ बड़े फैसले लिए जा सकते हैं.
श्रद्धा की हत्या सोची-समझी साजिश- अशोक तिवारी
अशोक तिवारी ने कहा कि दिल्ली के श्रद्धा मर्डर केस पर भी चर्चा बेहद जरूरी हो गई है क्योंकि तमाम संतों और संगठन से जुड़े कार्यकर्ताओं का मानना है कि श्रद्धा की हत्या कर उसके शरीर के 36 टुकड़े किए जाने के पीछे लव जिहाद का मामला है. यह सब एक सोची समझी साजिश के तहत किया जा रहा है. अकेले श्रद्धा ही नहीं बल्कि सैकड़ों हिंदू बेटियां इसी तरह के उत्पीड़न का शिकार हो रही हैं. संतों की राय है कि लिव-इन-रिलेशनशिप कानून को खत्म कर देना चाहिए और इस पर पाबंदी लगनी चाहिए. इस बारे में संत सम्मेलन में उचित मांगों के साथ प्रस्ताव पारित हो सकता है.
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