Prayagraj Magh Mela 2024: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को अयोध्या में रामलला की 'प्राण प्रतिष्ठा' समारोह का जिक्र कर काशी और मथुरा के धार्मिक स्थलों का भी जिक्र किया. संगम नगरी प्रयागराज में मौजूद संत महात्माओं ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के बयान का स्वागत और समर्थन किया है. संतों ने मुख्यमंत्री योगी के बयान को सही ठहराया. उन्होंने कहा कि मुसलमानों का काशी और मथुरा पर दावा छोड़कर हिंदुओं को सौंपना देश के आपसी सौहार्द को बढ़ानेवाला होगा. वर्षों पहले हुई गलती को सुधारने का मौका भी मिलेगा.
काशी और मथुरा पर सीएम योगी का बयान
माघ मेले में आए कुरुक्षेत्र के नागेश्वर धाम पीठाधीश्वर स्वामी महेशाश्रम महाराज ने मुसलमानों से पहल करने की मांग की. उन्होंने कहा कि मुसलमानों की पहल से वर्षों पुराने विवाद का समाधान हो सकता है. उन्होंने कहा कि मुस्लिम धर्म गुरुओं को जरूर विचार करना चाहिए. मथुरा से आए संत बटुक जी महाराज के मुताबिक काशी और मथुरा से दावा छोड़कर मुस्लिम समुदाय भारतीय संस्कृति की खूबसूरती में चार चांद लगा सकता है. चित्रकूट से आई महिला संत और कथावाचक राधिका वैष्णव के मुताबिक काशी और मथुरा का महत्व हर कोई समझता है. मुस्लिम समुदाय के पास गलती सुधारने का मौका है. विवाद को कायम रखने पर अदालत और संविधान के जरिए सनातन समाज अयोध्या की तरह काशी और मथुरा में धार्मिक स्थलों को भी हासिल करेगा.
माघ मेले में आए साधु संतों ने किया समर्थन
अमेठी के परमहंस आश्रम से जुड़े पीठाधीश्वर शिवयोगी मौनी महाराज ने कहा है कि मुस्लिम धर्म गुरुओं को मुख्यमंत्री योगी के बयान पर गौर कर उचित कदम उठाने की सोचना चाहिए. ऐसा होने से भारत में धार्मिक स्थलों का विवाद न सिर्फ पूरी तरह खत्म हो जाएगा बल्कि देश में आपसी एकता और अखंडता बढ़ेगी. देश तेजी से विकास के पद पर आगे बढ़ेगा और समूची दुनिया में भारत का गौरव कायम होगा. शिवयोगी मौनी महाराज ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी का बयान विचारणीय और अनुकरणीय दोनों है. उनके मुताबिक माघ मेले में मौजूद संत मुस्लिम धर्मगुरुओं के साथ बातचीत करने की पहल करने को भी तैयार हैं. उनका कहना है कि अयोध्या की तरह काशी और मथुरा भी सनातन धर्मियों के लिए बेहद अहम है और दोनों स्थलों पर कोई समझौता नहीं किया जा सकता.