Makar Sankranti 2024: धर्म की नगरी प्रयागराज में संगम तट पर लगने वाले दुनिया के सबसे बड़े सालाना धार्मिक मेले की शुरुआत आज मकर संक्रांति के स्नान पर्व के साथ हो गई है. मकर संक्रांति का स्नान पर्व आज संगम नगरी प्रयागराज में भी पूरी आस्था और श्रद्धा के साथ मनाया जा रहा है. इस मौके पर लाखों की संख्या में देश दुनिया के अलग अलग हिस्सों से आए श्रद्धालु त्रिवेणी की धारा में आस्था की डुबकी लगाकर पुण्य अर्जित कर रहे हैं.
मकर संक्रांति के अवसर पर गंगा स्नान और सूर्य को अर्घ्य देने के साथ ही तिल गुड़ व जौ इत्यादि का दान भी किया जा रहा है. तकरीबन 55 दिनों तक चलने वाले माघ मेले के लिए संगम की रेती पर तंबुओं का अलग शहर आबाद किया गया है. यूपी की योगी सरकार इस बार के माघ मेले को साल भर बाद आयोजित होने वाले कुंभ के रिहर्सल के तौर पर आयोजित कर रही है. इसी के मद्देनजर आस्था के इस मेले का स्वरूप इस बार न सिर्फ बढ़ाया गया है, बल्कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस समेत कई नए प्रयोग भी किए जा रहे हैं.
तीन लाख से ज़्यादा लोगों ने लगाई डुबकी
मकर सक्रांति के मौके पर संगम पर सुबह सात बजे तक तीन लाख से ज्यादा श्रद्धालु डुबकी लगा चुके थे. मेले में इस बार भी सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं. हालांकि आज मौसम का मिजाज काफी बिगड़ा हुआ है. एक तरफ बर्फीली हवाएं चल रही हैं तो वहीं दूसरी तरफ घना कोहरा छाया हुआ है, लेकिन इसके बावजूद श्रद्धालुओं की आस्था में कहीं कोई कमी नहीं नजर आ रही है. श्रद्धालुओं का कारवां ठंड की परवाह किए बिना ही गंगा मैया के जयकारे लगाते हुए संगम की तरफ़ बढ़ता जा रहा है.
मान्यताओं के मुताबिक प्रयाग के माघ मेले में मकर संक्रांति पर गंगा स्नान के लिए सभी तैंतीस करोड़ देवी-देवता भी अदृश्य रूप में यहाँ पर आते हैं, इसीलिये देश के कोने कोने से लोग गंगा यमुना और अद्रश्य सरस्वती की पावन धारा में डुबकी लगाकर दान उपासना आदि कर पुण्य लाभ अर्जित कर रहे हैं.
माघ मेले में किए गए ख़ास इंतज़ाम
माघ मेले के लिए संगम की रेती पर बसाई गई तम्बुओं की नगरी में वह सभी सुविधाएं मुहैया कराई गई हैं, जो किसी शहर को बसाने के लिए ज़रूरी होती हैं. सवा सौ किलोमीटर सड़क बनाई गई है तो साथ ही गंगा नदी पर छह पांटून पुल बनाए गए हैं. मेले में चौदह पुलिस थाने और इकतालीस पुलिस चौकियां भी काम कर रही हैं. मेला प्रशासन ने पूरे मेला क्षेत्र को छह सेक्टरों में बांटा हैं. इंतजामों के लिए दस हजार से ज्यादा कर्मचारी लगाए गए हैं.
किसी तरह की गड़बड़ी को रोकने के लिए सुरक्षा के ख़ास इंतजाम किये गए हैं. मेले में बड़ी संख्या में CCTV कैमरे लगाए गए हैं तो स्नान घाटों, पांटून पुलों व इंट्री प्वाइंट्स की सुरक्षा का इंतजाम ATS के कमांडोज़ के हाथों में होगा. आज से शुरू हुआ ये माघ मेला महाशिवरात्रि तक चलेगा. पूरे मेले में सात करोड़ से ज़्यादा श्रद्धालुओं के आने की उम्मीद है.
माघ मेले को लेकर प्रशासन की तैयारी
माघ मेला 2024 के पहले स्नान पर्व मकर संक्रांति के मद्देनजर जो व्यवस्थाएं की गई हैं उसके तहत मेला क्षेत्रफल 786 हेक्टेयर रखा गया है. सभी हिस्सों को छह सेक्टरों में बाँटा गया है. घाटों की लंबाई क़रीब 3300 फीट, 8 प्रमुख घाट हैं. आगे के स्नान पर्वों के दृष्टिगत घाट बढ़ाए जाएंगे. इसके अलावा छह पोन्टून पुल बनाए गए हैं. 3.5 किमी की डीप वाटर बरैरकेर्डिंग, दो किमी रिवर लाइन, सात खोया-पाया केंद्र, चेकर्ड प्लेट मार्ग 85 किमी, सब स्टेशन का निर्माण 21, एलईडी स्ट्रीट लाइट 18000, अस्पताल 2, 20 बेड, प्राथमिक उपचार केन्द्र 10, बीएलएस एम्बुलेन्स 28, एएलएस एम्बुलेंस 2, जन शौचालय 1800, संस्थागत शौचालय की संख्या 12000, लाइनर बैग्स 500000 बनाए गये हैं.
इस सब के अलावा तीन जोन, आठ सर्किल, चौदह थाने, 41 चौकी, फायर स्टेशन 14, फायर वाच टॉवर 14 और एक सेन्ट्रल कन्ट्रोल टॉवर बनाया गया है.