कानपुर: निरंकुश हैलट अस्पताल पर कसा शिकंजा, अब मजिस्ट्रेट करेंगे निगरानी, मंडल आयुक्त करेंगे समीक्षा
तमाम शिकायतों के बाद कानपुर के हैलट अस्पताल पर शिकंजा कसा गया है. अब मजिस्ट्रेट रोजाना यहां व्यवस्थाओं का जायजा लेंगे. इसकी रिपोर्ट मजिस्ट्रेट को जिला प्रशासन के पास सौंपनी होगी.
कानपुर. कई शिकायतों के बाद हैलट अस्पताल में स्टाफ की निगरानी शुरू हो गई है. रोजाना गंभीर मरीजों की वापसी और डाक्टरों के गायब रहने की शिकायत के बाद हैलट पर मजिस्ट्रेट निगरानी शुरू हो गई. हर दिन हैलट में स्टाफ की उपस्थिति और मरीजों को भर्ती प्रक्रिया को परखने का काम मजिस्ट्रेट करेंगे. मजिस्ट्रेट को हर दिन रिपोर्ट जिला प्रशासन को देनी होगी. हफ्ते में एक बार मंडल आयुक्त रिपोर्ट की समीक्षा करेंगे.
दरअसल, आए दिन हैलट अस्पताल से डॉक्टर और स्टाफ के गायब रहने की शिकायतें मिल रही थी. मुख्यमंत्री ने भी 22 मई को अपने दौरे में मण्डलायुक्त से हैलट की लापरवाही पर रिपोर्ट तलब की थी. खुद मण्डलायुक्त डॉ. राजशेखर ने निरीक्षण किया था. अब एक्शन लेते हुए हैलट को सेक्टर मजिस्ट्रेट के हवाले करने का निर्णय लिया गया है. इससे हैलट के इमेरजेंसी से अब हर दिन गंभीर मरीजों को बिना इलाज के वापस भेजे जाने की परंपरा पर विराम लगेगा.
फैसले का स्वागत
हैलट में मरीजों की भर्ती और डाक्टर व स्टाफ की मौजूदगी पर रिपोर्ट सेक्टर मजिस्ट्रेट तैयार करेंगे. इनके द्वारा लगातार निगाह रखी जायेगी. गंभीर मरीजों की भर्ती प्रक्रिया में कोई लापरवाही ना हो इस बात को भी सुनिश्चित किया जाएगा. मेडिकल कॉलेज प्रचार्य ने इस फैसले का स्वागत किया है.
मजिस्ट्रेट की ड्यूटी का रोस्टर तैयार
सप्ताह के सभी सातों दिन अलग-अलग सेक्टर मजिस्ट्रेट की ड्यूटी के लिए रोस्टर बनाया गया है. अपने रोस्टर के अनुसार हॉस्पिटल के विभिन्न विभागों/वार्डो (कोविड/नान कोविड) का अलग-अलग समय पर अचानक निरीक्षण किया जायेगा. मजिस्ट्रेट द्वारा अपनी रिपोर्ट नोडल अधिकारी या अपर जिलाधिकारी को निरीक्षण के अगले दिन देनी होगी. नोडल अधिकारी इस रिपोर्ट को मण्डलायुक्त को भेजेंगे. जिस पर साप्ताहिक आधार पर मण्डलायुक्त बैठक लेंगे. जिसमे जिलाधिकारी, प्राचार्य मेडिकल कालेज, एडी हेल्थ तथा नोडल अधिकारी/एडीएम सिटी उपस्थित रहेंगे.
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