कौन से राजनेता का पसंद करती हैं हर्षा रिछारिया? आदर्श पॉलिटिशियन के सवाल पर दिया ये जवाब
Maha Kumbh 2025: हर्षा रिछारिया ने लोगों से अपील की कि सनातन धर्म और संस्कृति को जानिये और पढ़िये. अगर धर्म के बारे में नहीं पता है तो आगे बढ़कर समझिये और उसका प्रचार प्रसार करना चाहिए.
Maha Kumbh 2025: महाकुंभ में इन दिनों स्वामी कैलाशानंद गिरि की शिष्या हर्षा रिछारिया काफी चर्चाओं में बनीं हुई हैं. एबीपी न्यूज से बातचीत के दौरान उन्होंने अपने आदर्श पॉलिटिशियन से इस्लाम और क्रिसमस जैसे तमाम मुद्दों पर बात की. हर्षा ने कहा कि तमाम सनातन प्रेमियों को महाकुंभ में आने के लिए आमंत्रित किया और कहा कि ये हम सब की जिंदगी में बड़ा बदलाव लाएगा. एक बार अपने घरों से निकल कर आईये और तीर्थराज प्रयागराज की धरा पर संगम में गोता लगाकर अपने जीवन को कृतार्थ कीजिये.
हर्षा रिछारिया ने लोगों से अपील की कि सनातन धर्म और संस्कृति को जानिये और पढ़िये. उन्होंने कहा कि अगर धर्म के बारे में नहीं पता है तो अपनी तरफ से आगे बढ़कर समझिये और अगर पता हो तो आगे बढ़कर प्रचार प्रसार कीजिये. समाज और युवाओं में इसके लिए जागरूकता पैदा कीजिए. हर्षा ने दावा किया कि सनातन धर्म सिर्फ धर्म भर ही नहीं बल्कि भारत की पहचान बनकर जो पहले था वो अब वापस आ रहा है. उन्होंने कहा कि महाकुंभ में सिर्फ देशी ही नहीं बल्कि विदेशी मूल के श्रद्धालु भी यहां आ रहे हैं तो ये हम सबके लिए बहुत गौरव की बात है.
इस्लाम और क्रिसमस को लेकर ये कहा
इस्लाम धर्म को संत महात्मा कहते हैं कि वह सनातनियों के लिए खतरा है? इस पर हर्षा रिछारिया ने कहा कि इन चीजों को छोड़ देते हैं, रहने देते हैं. हर्षा रिछारिया के क्रिसमस को लेकर दिए पुराने बयान पर उन्होंने कहा कि "अगर आप सनातन धर्म से जुड़े हैं. सनातन धर्म आपका है और आपने उसमें जन्म लिया है, तो मुझे लगता है इससे जुड़े हुए जितने त्योहार हैं, रीति-रिवाज और संस्कृति हैं, आप उसे फॉलों करें."
हमारे सनातन धर्म में इतनी खूबसूरती है, इतनी चीजें हैं कि अगर आप उन्हीं तरीकों को भलीभांति जानेंगे, समझेंगे और पढ़ेंगे तो आपको किसी और धर्म को जानने समझने का समय ही नहीं है, किसी त्योहार को मनाने का समय ही नहीं है क्योंकि हमारे ही खुद के इतने त्योहार हैं. जब हमारे ही इतने त्योहार हैं तो क्योंकि गैर का त्योहार मनाना है.
आदर्श राजनेता पर दिया ये जवाब
इस दौरान जब उनसे आदर्श पॉलिटिशियन को लेकर सवाल किया गया तो उन्होंने इसका जवाब टाल दिया और कहा कि इसको यहीं रहने देते हैं. लेकिन सनातन बोर्ड के सवाल पर उन्होंने कहा कि महाकुंभ में धर्म संसद होनी चाहिए, सनातन बोर्ड का गठन होना चाहिए, ये बहुत ज्यादा जरूरी है कि जहां पर सनातन धर्म से जुड़े हुए मुद्दे पर विचार विमर्श हो और फैसले लिए जाएं. ये हर सनातनी के लिए बहुत जरूरी हो तो ये होना ही चाहिए.