UP News: प्रयागराज में 13 जनवरी से शुरू हो रहे महाकुंभ में रविवार को सन्यासियों के सबसे पुराने अखाड़े आवाहन की पेशवाई होनी है. आवाहन अखाड़े के संत महात्मा शाही रथों पर सवार होकर राजसी अंदाज में गाजे बाजे के बीच रविवार को मेला क्षेत्र में प्रवेश करेंगे. अखाड़े की यह पेशवाई शहर से तकरीबन पंद्रह किलोमीटर दूर मड़ौका स्थित आश्रम से शुरू होगी.
अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर अरुण अरुण जी महाराज समेत सभी महामंडलेश्वर और दूसरे प्रमुख संत महात्मा ट्रैक्टर पर तैयार किए गए विशेष रथ पर रखे चांदी के हौदे पर बैठकर अपने भक्तों और श्रद्धालुओं को दर्शन देंगे. रास्ते भर इन संतों पर पुष्प वर्षा की जाएगी.
मेला क्षेत्र में प्रवेश करने पर यूपी की योगी सरकार की तरफ से मेले की व्यवस्था से जुड़े अधिकारी अखाड़े के संतों का स्वागत करेंगे. पेशवाई में सबसे आगे अखाड़े की ध्वजा रहेगी. उसके पीछे अखाड़े के नागा साधु करतब दिखाते और अपने अस्त्र-शस्त्र का प्रदर्शन करते हुए पैदल चलेंगे. इनके पीछे अखाड़े के आराध्य भगवान गजानंद रथ पर विराजमान रहेंगे.
छावनी प्रवेश को लेकर खास तैयारियां
अखाड़े ने पेशवाई को अब छावनी प्रवेश नाम दिया है. आवाहन अखाड़े के राष्ट्रीय महामंत्री स्वामी सत्य गिरि जी महाराज के मुताबिक इसके साथ ही शाही प्रवेश को राजसी प्रवेश नाम कर दिया गया है. पेशवाई यानी छावनी प्रवेश को लेकर खास तैयारियां की गई हैं. अखाड़े के शिविर में संतो के रुकने के कमरे बनकर तैयार हो गए हैं. तमाम संतों ने अपने आसन जमा लिए हैं. कई नागा सन्यासियों ने धूनी रमानी भी शुरू कर दी है.
अखाड़े में बड़ी संख्या में नागा संन्यासी
आवाहन अखाड़ा सबसे प्राचीन अखाड़ा है. इसके आराध्य भगवान सिद्ध गणेश हैं. अखाड़े में बड़ी संख्या में नागा संन्यासी हैं. रविवार को ही सन्यासियों के महानिर्वाणी अखाड़े में ध्वजारोहण का कार्यक्रम है. रविवार को महा निर्वाणी अखाड़े में धर्म ध्वजा स्थापित की जाएगी. इन दोनों कार्यक्रमों में दूसरे अखाड़ों के भी संत महात्मा शामिल होंगे.
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