Maha Kumbh 2025: उत्तर प्रदेश स्थित नगीना से आजाद समाज पार्टी (कांशीराम) के सांसद चंद्रशेखर आजाद ने महाकुंभ को लेकर एक ओर जहां तारीफ की है तो वहीं दूसरी ओर तंज कसते हुए सवाल भी उठाए हैं. सोशल मीडिया साइट एक्स पर सांसद ने कहा कि सरकार के पास इतनी शक्ति होती है कि जब सरकार ठान लेती है, तो असंभव कार्य भी संभव हो जाते हैं. 6 महीने में रेत पर इस तरह एक शहर बसाना भी इसी शक्ति का उदाहरण है, जो दर्शाता है कि अगर सरकार चाहती है, तो किसी भी बड़ी चुनौती का समाधान किया जा सकता है.
आजाद ने सरकार की प्राथमिकता पर सवाल उठाते हुए कहा कि लेकिन जब बात आती है देश के गरीब, किसान, मजदूर, पिछड़े, दलित, आदिवासी और महिलाओं के अधिकारों और सुरक्षा की, तो सवाल उठता है कि यदि इन आयोजनों को इतने बड़े पैमाने पर अंजाम दिया जा सकता है, तो शिक्षा, चिकित्सा, महिलाओं की सुरक्षा, रोजगार और बच्चों के भविष्य के लिए क्यों नहीं इस तरह की इच्छाशक्ति दिखाई जा रही है.
'अधिकार हमारी प्राथमिकताओं में कहीं पीछे रह गए'
नगीना सांसद ने कहा कि झांसी में आग लगने से नवजात बच्चों की मौत और ऑक्सीजन की कमी से बच्चों का दम तोड़ना—ये घटनाएँ साफ दिखाती हैं कि जनता की जान और उनके बुनियादी अधिकार हमारी प्राथमिकताओं में कहीं पीछे रह गए हैं.
आसपा (कां) नेता ने कहा कि क्या हमारी प्राथमिकताएँ गलत हैं? क्या सामाजिक उत्थान की दिशा में गंभीरता की कमी है? क्या व्यापक जनकल्याण में सरकार से हमारे द्वारा सवाल करना गलत है? यदि समाज के वंचित तबकों के उत्थान के लिए भी उसी दृढ़ संकल्प और इच्छाशक्ति से काम किया जाए, तो एक स्थायी बदलाव संभव है. जय भीम, जय भारत, जय संविधान.
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उधर, विपक्ष के आरोपों के बीच उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा, 'मैं प्रयागराज में कुंभ मेले के लिए आने वाले सभी लोगों को शुभकामनाएं देता हूं. हम देख रहे हैं कि पहला स्नान किस तरह सुरक्षा और स्वच्छता के साथ संपन्न हो रहा है. महाकुंभ अपने नाम के अनुरूप ही प्रतीत होता है. आने वाले स्नान भी उसी भव्य और दिव्य तरीके से संपन्न होंगे."