Maha Kumbh 2025: महाकुंभ के लिए तैयार किया गया विशाल डमरू, जानें- क्या है खासियत?
Maha Kumbh 2025 News: संगम नगरी प्रयागराज में 13 जनवरी से शुरू हो रहे महाकुंभ में देश- विदेश से करोड़ों लोग पहुंचेंगे. श्रद्धालुओं के स्वागत के लिए शहर को खूबसूरती से सजाया जा रहा है.
Prayagraj Maha Kumbh 2025: संगम नगरी प्रयागराज में 13 जनवरी से शुरू हो रहे महाकुंभ में देश-विदेश से आने वाले श्रद्धालुओं के स्वागत के लिए शहर को बेहद खूबसूरती से सजाया जा रहा है. धर्म-आध्यात्म और संस्कृति से जुड़ी हुई तमाम कलाकृतियां तैयार की गई हैं. इसी कड़ी में बाबा भोलेनाथ की नगरी काशी समेत पूर्वांचल और बिहार समेत दूसरे राज्यों की तरफ से आने वाले श्रद्धालुओ के स्वागत के लिए एक विशालकाय डमरू तैयार किया गया है. महाकुंभ क्षेत्र से थोड़ी दूर पहले स्थापित किए गए इस विशालकाय डमरू को इतनी खूबसूरती से तैयार किया जा रहा है कि देखने वालों की नजर नहीं हट पा रही है.
यह विशालकाय डमरू महादेव की नगरी काशी से महाकुंभ क्षेत्र में दाखिल होने वाले रास्ते पर झूसी इलाके में दोनों तरफ की सड़क के बीचो-बीच लगाया गया है. कांसे और अन्य धातुओं से तैयार किए गए इस डमरू को एक बड़े प्लेटफॉर्म यानी चबूतरे पर रखा गया है. इस डमरू की चौड़ाई तेरह फिट और ऊंचाई आठ फिट के करीब है. अगर प्लेटफार्म को भी जोड़ दिया जाए तो डमरू की ऊंचाई करीब बीस फीट हो जाती है. इस डमरू को गाजियाबाद की एक कंपनी ने करीब सौ दिनों की कड़ी मेहनत से तैयार किया है. तकरीबन दो दर्जन शिल्पकारों की टीम ने दिन-रात कड़ी मेहनत कर इस डमरू को तैयार किया है.
भगवान शिव का अत्यंत प्रिय वाद्य यंत्र है डमरू
डमरू भगवान शिव का अत्यंत प्रिय वाद्य यंत्र है. उन्होंने डमरू की धुन पर ही तांडव नृत्य किया था, इस डमरू के साथ भोलेनाथ के अस्त्र त्रिशूल को भी रखा गया है. यह त्रिशूल डमरू से भी ऊंचा है. सूरज की सीधी किरणें जब इस त्रिशूल पर पड़ती हैं तो इसकी छटा देखते ही बनती है. इस विशालकाय खूबसूरत आकर्षक और मन को मोह लेने वाले डमरू को शिल्पकार सुनील पाल और उनकी टीम ने तैयार किया है. उत्तर प्रदेश जल निगम की ओर से तैयार कराए जा रहे इस डमरू को नागेंद्र कुमार की कंपनी स्थापित कर रही है. डमरू को इतनी खूबसूरती से तैयार किया गया है कि उस पर लगी रस्सी के एक-एक बल साफ नजर आ रहे हैं.
झूंसी में रेलवे ब्रिज के पास जिस जगह डमरू को स्थापित किया जा रहा है, उसे एक पार्क के तौर पर तैयार किया जा रहा है. रेलवे लाइन के दूसरी तरफ डमरू की ही तरह बड़े आकार का स्वास्तिक भी तैयार किया जा रहा है. स्वास्तिक के चारों कोनों पर हाथ की आकृति बनाई गई है. यह डमरू और स्वास्तिक लोगों के बीच आकर्षण का केंद्र बना हुआ है. लोग अभी से इसकी तस्वीर और सेल्फी ले रहे हैं, बल्कि यह आस्था का मेला शुरू होने पर महाकुंभ में आने वाले श्रद्धालुओं का खास अंदाज में स्वागत व अभिनंदन भी करेगा.
ये भी पढ़ें: सपा सांसद बर्क और उनके पिता को धमकी देने का आरोपी गिरफ्तार, पहले भी जा चुका है जेल