Maha Kumbh Mela 2025: महाकुंभ 2025 के मेले को लेकर प्रयागराज में आज रविवार (6 अक्टूबर) को अखाड़ा परिषद की बैठक हुई. इस बैठक में महाकुंभ में मुसलमानों की एंट्री बैन किए जाने की मांग की गई, 13 अखाड़ों ने फैसला लिया है कि कुंभ में आईडी जरूरी हो. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सामने संतो ने ये मांग रखी.


परिषद के सदस्यों के मुताबिक मुस्लिम संत बनकर घूमते हैं और पहचान छिपाकर गरबा महोत्सव में घुस जाते हैं. इसलिए जरूरी है, जो भी प्रयागराज महाकुंभ में आए उसकी जांच हो. कोई भी मुखौटा लगाकर गलत तरीके से महाकुंभ मेले में प्रवेश कर सनातन संस्कृति और परंपरा को दूषित कर सकता है. प्रयागराज में 13 अखाड़ों के साधु संतों ने बैठक के बाद ऐलान किया कि महाकुंभ में पहचान पत्र दिखाकर एंट्री दी जाए और सिर्फ सनातनियों को ही प्रवेश मिले. 


वहीं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को प्रयागराज में सभी 13 अखाड़ों, खाक-चौक परंपरा, दंडीबाड़ा परंपरा और आचार्यबाड़ा परंपरा के प्रतिनिधियों, पदाधिकारियों की उपस्थिति में बड़ा ऐलान किया है. सीएम योगी ने घोषणा की कि महाकुंभ 2025 के दौरान प्रयागराज की शास्त्रीय सीमा में मांस-मदिरा की बिक्री नहीं होगी. उन्होंने कहा कि महाकुंभ में पूरी दुनिया सनातन भारतीय संस्कृति से साक्षात्कार करेगी. सनातन परंपरा के सम्मान के लिए सरकार समर्पित है.


मुख्यमंत्री ने कहा कि पावन त्रिवेणी संगम में स्नान की अभिलाषा लिए महाकुंभ आने वाले हर संत और श्रद्धालु को अविरल-निर्मल गंगा-यमुना के दर्शन होंगे. पवित्र नदियों की स्वच्छता सुनिश्चित करने के लिए सरकार के स्तर पर प्रयास किये जा रहे हैं, लेकिन साधु-संत समाज का सहयोग भी अपेक्षित है.


मुख्यमंत्री योगी ने यह भी कहा कि, महाकुंभ के दौरान ब्रह्मलीन होने वाले साधु-संतों की समाधि के लिए प्रयागराज में शीघ्र ही भूमि आरक्षित कर दी जाएगी. मुख्यमंत्री ने कहा कि संतों के मार्गदर्शन में ही सनातन समाज का उत्कर्ष संभव है. महाकुंभ 2025, कुंभ 2019 से भी अधिक भव्य हो, इसके लिए सभी को योगदान करना होगा.


(नीरज पांडेय और IANS इनपुट के साथ)


Bisleri की जगह डीएम के सामने रख दी बिसल्लेरी, फिर शुरू हुआ एक्शन और चला बुलडोजर