महाकुंभ में गंगा की पवित्रता को लेकर योगी सरकार की बड़ी तैयारी, जानें क्या है इस बार खास
Maha Kumbh 2025: महाकुम्भ 2025 को स्वच्छ, सुरक्षित और पर्यावरण के अनुकूल बनाने के लिए नमामि गंगे मिशन द्वारा शुरू की गईं दूरदर्शी योजनाओं का उद्देश्य गंगा-यमुना की निर्मलता और स्वच्छता को बनाना है.
Maha Kumbh 2025 News: महाकुंभ में इस बार 40 करोड़ से अधिक श्रद्धालु आस्था की डुबकी लगाने पहुंचेंगे ऐसे में गंगा की पवित्रता को सुनिश्चित करने के लिए प्रयागराज में वर्तमान में 10 सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) संचालित हो रहे हैं, जिनकी कुल क्षमता 340 एमएलडी है. महाकुंभ 2025 की विशेष तैयारियों को सशक्त बनाने के लिए नमामि गंगे मिशन की ओर से तीन नई महत्वाकांक्षी परियोजनाओं को स्वीकृति दी गई है.
जिनके अंतर्गत सलोरी में 43 एमएलडी, रसूलाबाद में 90 एमएलडी और नैनी में 50 एमएलडी क्षमता के अतिरिक्त एसटीपी का निर्माण किया जा रहा है. कभी 81 नालों से प्रदूषित होने वाली इन नदियों की कहानी अब बदल रही है. नमामि गंगे मिशन और राज्य सरकार के प्रयासों से, इन नालों को स्वच्छता की धारा में परिवर्तित करने की दिशा में प्रगति हुई है. वर्तमान में, 81 में से 37 नालों को पूरी तरह टैप कर उनका उपचार किया जा चुका है, जिससे इन नदियों में प्रदूषण का प्रवाह रुक गया है. इसके अलावा, 5 नालों को सूखा या अप्रभावी पाया गया है, जिन्हें किसी प्रकार के उपचार की आवश्यकता नहीं है.
नमामि गंगे मिशन द्वारा शुरू की गईं दूरदर्शी योजना
महाकुंभ 2025 को स्वच्छ, सुरक्षित और पर्यावरण के अनुकूल बनाने के लिए नमामि गंगे मिशन द्वारा शुरू की गईं दूरदर्शी योजनाओं का उद्देश्य गंगा और यमुना नदियों की निर्मलता और स्वच्छता को बनाए रखना है, ताकि नदियों की पवित्रता के साथ-साथ पर्यावरणीय संतुलन को भी संरक्षित किया जा सके. गंगा और यमुना की पवित्रता आने वाली पीढ़ियों तक बनी रहे. मिशन की यह पहलें केवल महाकुंभ को सफल बनाने तक सीमित नहीं है, बल्कि इसका लक्ष्य प्रयागराज की सीवरेज को लंबे समय तक मजबूत करना भी है.
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