फेफड़े खराब फिर भी आस्था है अटूट, महाकुंभ में हजारों संतों से अलग हैं 'ऑक्सीजन' वाले बाबा
Maha Kumbh 2025: श्री महंत इंद्र गिरि जी डॉक्टर्स की हिदायत को नजरअंदाज करते हुए न सिर्फ हरियाणा के कुरुक्षेत्र से हजार किलोमीटर का सफर तय करते हुए महाकुंभ में आए हुए हैं.
Maha Kumbh 2025 Oxygen Baba: तीर्थराज प्रयागराज में संगम की रेती को मोक्ष का स्थल कहा जाता है. पौराणिक मान्यताओं के मुताबिक यहां गंगा यमुना और अदृश्य सरस्वती की त्रिवेणी की धारा में आस्था की डुबकी लगाने वालों को जीवन मरण के बंधन से मुक्ति मिल जाती है. यही वजह है कि यहां 13 जनवरी से शुरू हो रहे महाकुंभ में जहां करोड़ों की संख्या में श्रद्धालु आएंगे, वहीं हजारों संतों ने हफ्तों पहले ही यहां डेरा जमा लिया है. महाकुंभ में संत महात्माओं को गंगा के अमृत रूपी जल में शाही स्नान करने के लिए कितनी उत्सुकता और इंतजार है, इसका अंदाजा ऑक्सीजन बाबा को देखकर लगाया जा सकता है.
प्रयागराज महाकुंभ में ऑक्सीजन की नली नाक में लगाए हुए शैय्या पर विश्राम की मुद्रा में विराजे यह है सन्यासी परंपरा के आवाहन अखाड़े के श्री महंत इंद्र गिरि जी महाराज. चार साल पहले साल 2021 में कोरोना की महामारी के दौर में कोविड की चपेट में आने से उनके फेफड़े तकरीबन पूरी तरह खराब हो गए थे. डॉक्टर्स ने जवाब दे दिया था. इन्हें बताया गया कि जीवन अब तभी तक है, जब तक आर्टिफिशियल ऑक्सीजन के जरिए सांस चलती रहेगी. इतना ही नहीं उन्हें चलने फिरने और सफर करने से बचने को भी कहा गया था.
हजार किलोमीटर का सफर तय करते हुए पहुंचे महाकुंभ
श्री महंत इंद्र गिरि जी डॉक्टर्स की हिदायत को नजरअंदाज करते हुए न सिर्फ हरियाणा के कुरुक्षेत्र से हजार किलोमीटर का सफर तय करते हुए महाकुंभ में आए हुए हैं, बल्कि ऑक्सीजन सिलेंडर से कृत्रिम सांसे लेते हुए दूसरे नागा सन्यासियों के बीच बिस्तर पर लेटे हुए ही भगवान भोलेनाथ के नाम का जाप कर रहे हैं. श्री महंत इंद्र गिरि जी महाराज खुद भी नागा संत हैं, लेकिन बीमारी की वजह से यहां दिगंबर स्वरूप को त्याग कर वस्त्र धारण करते हुए भगवान की भक्ति में लीन हैं.
ऑक्सीजन वाले बाबा के नाम से भी पुकारते हैं लोग
नाक पर हर वक्त ऑक्सीजन का पाइप लगा होने की वजह से महाकुंभ में लोग इन्हें ऑक्सीजन वाले बाबा के नाम से भी पुकारते हैं. महाकुंभ क्षेत्र में आवाहन अखाड़े की छावनी में ऑक्सीजन वाले बाबा श्री महंत इंद्र गिरि को देखने और इनका दर्शन करने वालों की भीड़ लगी रहती है. कोई इन्हे सिद्ध संत बताता है तो कोई दूर से ही प्रणाम कर इनका आशीर्वाद लेता है.
गंगाजल मंगा कर छावनी में ही स्नान कर लेंगे
श्री महंत इंद्र गिरि जी महाराज का कहना है कि महाकुंभ में वह अखाड़े के दूसरे नागा संतो के साथ त्रिवेणी की धारा में शाही स्नान करने के लिए जाने को व्याकुल है. हालांकि उन्हें अपनी सेहत और जबरदस्त ठंड का भी एहसास है, इसलिए कहते हैं कि अगर शरीर ने साथ नहीं दिया तो गंगाजल मंगा कर छावनी में ही स्नान कर लेंगे. आवाहन अखाड़े के श्री महंत इंद्र गिरि जी महाराज की सनातन के प्रति निष्ठा और समर्पण तमाम दूसरे लोगों को प्रेरणा देने वाली है. उनका कहना है कि महाकुंभ की धरती पर अगर प्राण भी छूट जाए तो भी यह सौभाग्य ही होगा.
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