Maha Kumbh Stampede: प्रयागराज महाकुंभ में हादसे रुकने का नाम नहीं ले रहे हैं. आग लगने की घटनाएं लगातार सामने आ रही हैं. इसके साथ ही मौनी अमावस्या के दिन कई जगहों पर भगदड़ भी हुई थी. इन घटनाओं ने न सिर्फ महाकुंभ में श्रद्धालुओं की सुरक्षा को लेकर सवालिया निशान खड़े किए हैं, बल्कि सरकारी अमले के दावों की पोल भी खोल कर रख दी है.
प्रयागराज महाकुंभ में मौनी अमावस्या पर त्रिवेणी स्नान के लिए आए श्रद्धालुओं की भीड़ मेला क्षेत्र से पूरी तरह वापस भी नहीं गई थी कि कल 30 जनवरी को दोपहर करीब पौने दो बजे भीषण आग लग गई. आग लगने की इस घटना में वीआईपी श्रद्धालुओं के लिए बनाई गई हाई क्लास टेंट सिटी के 15 शिविर जलकर राख हो गए थे. इसमें लाखों का नुकसान हुआ था. राहत की बात सिर्फ इतनी थी कि इसमें कोई जनहानि नहीं हुई और शिविरों में रहने वाले श्रद्धालु पूरी तरह सुरक्षित रहे.
आग लगने की यह घटना मेला क्षेत्र के सेक्टर 22 के आउटर एरिया में झूसी थाना क्षेत्र के चमनगंज पुलिस चौकी के नजदीक हाईटेक तरीके से तैयार की गई टेंट सिटी में लगी थी. इस टेंट सिटी तक जाने के लिए ऐसे मुश्किल रास्ते से होकर गुजरना पड़ता है, जिसकी आप कल्पना भी नहीं कर सकते. जहां दो पहिया वाहन भी ठीक से नहीं चल पाते. इस बीच एक चौंकाने वाला खुलासा हुआ है यह टेंट सिटी अवैध तरीके से बिना किसी अनुमति के तैयार की गई थी. इस टेंट सिटी में वीआईपी कैटेगरी के तकरीबन सौ कैंप लगाए गए थे. टेंट सिटी में VIP रेस्टोरेंट और यज्ञशाला भी है. यह टेंट सिटी जूसटा शिविर नाम की एक प्राइवेट कंपनी ने बसाई है. यहां लगाए गए शिविरों में गीजर और दूसरी हाई क्लास की सुविधा मुहैया कराई गई हैं.
महामंडलेश्वर साध्वी मुक्तेश्वरी गिरि इसी टेंट सिटी में मौजूद!
जूसटा शिविर नाम की इस टेंट सिटी में एंट्री गेट पर जो बोर्ड लगा हुआ है, उसमें सन्यासियों के जूना अखाड़े के दो महामंडलेश्वरों की तस्वीर और उनके नाम लिखे हुए हैं. बाई तरफ महामंडलेश्वर स्वामी अविमुक्तानंद और दाहिनी तरफ महिला महामंडलेश्वर साध्वी मुक्तेश्वरी गिरि के नाम और उनकी तस्वीर लगी हुई है. यह दिखाने की कोशिश की गई है कि यह टेंट सिटी इन दोनों महामंडलेश्वरो द्वारा ही बसाई गई है. महिला महामंडलेश्वर साध्वी मुक्तेश्वरी गिरि इसी टेंट सिटी में मौजूद दिखाई दीं.
उन्होंने टेंट सिटी से अपना नाम जोड़े जाने से सीधे तौर पर पल्ला झाड़ लिया. अनौपचारिक तौर पर की गई बातचीत में बताया कि कोई भक्त अगर किसी काम में अपने गुरु की तस्वीर लगा लेता है तो इसमें कुछ गलत नहीं है लेकिन इसमें गुरु की कोई सहभागिता नहीं होती है. हालांकि उन्होंने कैमरे पर कुछ भी बोलने से मना कर दिया. सवाल यह उठता है कि क्या संतो के नाम और तस्वीर को सामने रखकर उसका दुरुपयोग किया जा रहा है.
इस मामले में महाकुंभ प्रशासन का कहना है कि यह टेंट सिटी अवैध तरीके से बिना अनुमति के बसाई गई थी. मेला प्रशासन का यह भी दावा है कि टेंट सिटी जहां पर है वहां पर महाकुंभ की सीमा खत्म हो जाती है, जबकि टेंट सिटी के आयोजकों का दावा है कि यह जगह सेक्टर 22 में ही है. मेला प्रशासन ने कहा है कि अवैध तरीके से बसाई गई इस टेंट सिटी को लेकर कमिश्नरेट पुलिस जांच कर कार्रवाई करेगी, जबकि आयोजकों का दावा है कि उनके पास अनुमति भले ही नहीं हो लेकिन टेंट सिटी लगाने की सूचना उन्होंने सभी विभागों को दे रखी है. सवाल यह है कि अगर यह टेंट सिटी अवैध थी तो प्रशासन को इसकी जानकारी क्यों नहीं थी. क्या किसी बड़ी दुर्घटना का इंतजार किया जा रहा था.