Maha Kumbh Mela 2025: महाकुंभ में श्री पंचायती अखाड़ा महानिर्वाणी की तरफ से आज रविवार (22 दिंसबर) को धर्म ध्वजा स्थापित की गई है. विधि विधान से वैदिक मंत्रोच्चार से पूजा अर्चना के बाद धर्म ध्वजा स्थापित की गई. धर्म ध्वजा को चार तनियों के सहारे हाइड्रा की मदद से स्थापित किया गया जो चारों वेदों की प्रतीक हैं. यह धर्म ध्वजा पूरे महा कुंभ मेले तक इसी तरह शान से फहराती रहेगी.


महानिर्वाणी अखाड़े के आराध्य इष्ट देव भगवान विष्णु के 24 अवतारों में पांचवें अवतार भगवान कपिल महामुनि हैं. महानिर्वाणी और अटल अखाड़े में धर्म ध्वजा के साथ ही पर्व ध्वजा भी स्थापित किए जाने की परंपरा है. महानिर्वाणी अखाड़े में 52 हाथ यानी करीब 78 फीट लंबी धर्म ध्वजा स्थापित की गई है. यह अखाड़े की 52 मढ़ियों और 52 शक्तिपीठों की प्रतीक हैं.


धर्म ध्वजा की स्थापना के बाद चूल्हा जलता है और कराहे चढ़ाए जाते हैं. इसके बाद ही अखाड़े में भोजन प्रसाद और अन्न क्षेत्र शुरू हो जाता है. महानिर्वाणी अखाड़े में धर्म ध्वजा की स्थापना के बाद 2 जनवरी 2025 को कुंभ मेला छावनी प्रवेश यानी पेशवाई निकाली जाएगी. इसके बाद महानिर्वाणी के नागा संन्यासी, महंत, श्री महंत, मंडलेश्वर और महामंडलेश्वर छावनी में आकर रहेंगे और यहीं पर कठिन तप और जप करेंगे. अखाड़े में कई तरह के धार्मिक अनुष्ठान भी आयोजित किए जाएंगे, अखाड़े के नागा संन्यासी यहीं पर धूनी रमाते हुए अपने भक्तों को दर्शन देंगे.


प्रयागराज सनातन संस्कृति की प्राचीनतम नगरियों में से एक है. प्रयागराज की महत्ता और प्राचीनता का विवरण हमें ऋग्वेद से लेकर पुराणों और रामायण, महाभारत जैसे महाकाव्यों में मिलता है. सनातन मतावलंबियों के आराध्य प्रभु श्री राम के जीवन और वनवास प्रसंग से प्रयागराज का विशेष संबंध है. रामायण में वर्णन मिलता है कि वनवास के लिए अयोध्या से निकलकर प्रभु श्रीराम प्रयागराज के श्रृंगवेरपुर धाम पहुंचे थे.


(IANS इनपुट के साथ)


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