Prayagraj News:  इलाहाबाद हाईकोर्ट ने आज यूपी की योगी सरकार से जवाब तलब करते हुए उसे यह बताने को कहा है कि संगम नगरी प्रयागराज में कुछ महीनों बाद आयोजित होने वाले महाकुंभ में संत महात्माओं और श्रद्धालुओं को साफ और पर्याप्त गंगाजल में आस्था के डुबकी लगवाने के लिए क्या इंतजाम किए जा रहे हैं. हाईकोर्ट ने यूपी सरकार के साथ ही प्रयागराज मेला प्राधिकरण और प्रयागराज शहर की व्यवस्था से जुड़े दूसरे अफसरों से भी इस बारे में जवाब तलब किया है. कोर्ट ने इस बारे में सरकार और मेला प्राधिकरण द्वारा तैयार की गई कार्य योजना की रिपोर्ट भी पेश करने को कहा है.

हाईकोर्ट इस मामले में दस सितंबर को फिर से सुनवाई करेगा. हाईकोर्ट ने यह आदेश महिला अधिवक्ता सुनीता शर्मा, सोशल एक्टिविस्ट योगेंद्र पांडेय और पूर्व पार्षद कमलेश सिंह द्वारा दाखिल की गई जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया है. मामले की सुनवाई चीफ जस्टिस अरुण भंसाली और जस्टिस विकास बुधवार की डिवीजन बेंच में हुई. जनहित याचिका में कहा गया था कि प्रयागराज में कुछ महीनों बाद आयोजित होने वाले महाकुंभ में देश दुनिया से 40 करोड़ से ज्यादा श्रद्धालुओं के आने की उम्मीद है.

घाटों पर गंगा जल की स्थिति ठीक नहीं
दुनिया के इस सबसे बड़े धार्मिक मेले में यह श्रद्धालु गंगा में आस्था की डुबकी लगाने के लिए आएंगे. प्रयागराज में संगम और आसपास के घाटों पर इन दिनों आने वाले गंगाजल की स्थिति अच्छी नहीं है. गंगा का यह जल न तो पीने लायक है ना ही स्नान करने और आचमन करने लायक. ऐसे में श्रद्धालुओं को अगर साफ व पर्याप्त मात्रा में गंगाजल डुबकी लगाने के लिए नहीं मिला तो न सिर्फ उनकी आस्था प्रभावित होगी. बल्कि दुनिया भर में खराब संदेश भी जाएगा. ऐसे में इस मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट को दखल देना चाहिए.  

यूपी सरकार ने जनहित याचिका का किया विरोध
यूपी सरकार की तरफ से इस जनहित याचिका का विरोध किया गया. वहीं कोर्ट से इसे खारिज किए जाने की सिफारिश की गई. यूपी सरकार की तरफ से कहा गया कि यह जनहित याचिका सिर्फ पब्लिसिटी पाने के लिए की गई है. लेकिन कोर्ट ने इस जनहित याचिका को सुनवाई के लिए मंजूर करते हुए यूपी सरकार व दूसरे जिम्मेदार लोगों से जवाब तलब कर लिया है. जनहित याचिका के जरिए यह भी गुहार लगाई गई है कि महाकुंभ होने तक हाईकोर्ट गंगाजल की उपलब्धता और उसकी क्वालिटी के मामले की खुद मॉनिटरिंग करें.

'श्रद्धालुओं को शुद्ध व पर्याप्त गंगाजल मिलना जरूरी'
 हालांकि गंगा प्रदूषण से जुड़े सभी मामले इलाहाबाद हाईकोर्ट से नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल में ट्रांसफर हो चुके हैं. हाईकोर्ट में आज हुई सुनवाई के दौरान यूपी सरकार ने मामले को एनजीटी में ट्रांसफर किए जाने की दलील पेश की, लेकिन कोर्ट ने इसे नहीं माना. याचिकाकर्ताओं के अधिवक्ता विजय चंद श्रीवास्तव के मुताबिक आज की सुनवाई में हाईकोर्ट ने इस मामले को बेहद गंभीर माना है. उनका कहना है कि महाकुंभ में दुनिया भर से संत महात्मा और श्रद्धालु प्रयागराज जाएंगे. इन श्रद्धालुओं को शुद्ध व पर्याप्त गंगाजल मिलना बेहद जरूरी है.


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