महाकुंभ भगदड़: न्यायिक जांच आयोग ने किया घटनास्थल और अस्पताल का दौरा, अध्यक्ष बोले- मैं टिप्पणी नहीं करना चाहता
Maha Kumbh Stampede पर पुलिस के मुताबिक, यह घटना इसलिए हुई क्योंकि भीड़ बैरिकेड को तोड़कर दूसरी तरफ घाट पर बैठे लोगों को कुचलते हुए आगे बढ़ गई.
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Maha Kumbh Stampede : महाकुंभ भगदड़ की जांच के लिए उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा गठित तीन सदस्यीय न्यायिक आयोग शुक्रवार को प्रयागराज में संगम नोज स्थित घटनास्थल पर पहुंचा और अधिकारियों से जानकारी ली. इसके बाद आयोग के सदस्यों ने एसआरएन अस्पताल में भर्ती घायलों से पूछताछ की.
इलाहाबाद हाईकोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायाधीश न्यायमूर्ति हर्ष कुमार की अध्यक्षता वाले इस आयोग में पूर्व पुलिस महानिदेशक वी के गुप्ता और सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी डी के सिंह शामिल हैं.
एक अधिकारी ने बताया कि आयोग दोपहर में संगम नोज पर पहुंचा जहां मंगलवार देर रात भगदड़ मची थी. आयोग के साथ मौजूद मेलाधिकारी विजय किरन आनंद, डीआईजी वैभव कृष्ण, एसएसपी राजेश द्विवेदी सहित अन्य अधिकारियों ने आयोग के सदस्यों को जानकारी दी. आयोग ने भारी सुरक्षा के बीच उस क्षेत्र का भ्रमण किया.
आयोग संगम से शहर स्थित स्वरूपरानी नेहरू अस्पताल पहुंचा जहां आयोग के सदस्यों ने भगदड़ में घायल लोगों और उनके तीमारदारों से बातचीत करके स्थिति के बारे में जानकारी जुटायी. शाम पांच बजे तक आयोग सर्किट हाउस लौट आया.
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पत्रकारों के सवाल पर दिया ये जवाब
पत्रकारों द्वारा पूछे जाने पर आयोग के एक सदस्य ने कहा, “मैं फिलहाल टिप्पणी नहीं करना चाहता. आज हमने घटनास्थल का दौरा किया और स्थिति की समीक्षा की.”
आयोग के अध्यक्ष न्यायमूर्ति हर्ष कुमार ने कहा कि आयोग को जांच करने के लिए एक महीने का समय मिला है, लेकिन यह तेजी से जांच करेगा.
पुलिस के मुताबिक, यह घटना इसलिए हुई क्योंकि भीड़ बैरिकेड को तोड़कर दूसरी तरफ घाट पर बैठे लोगों को कुचलते हुए आगे बढ़ गई. इस घटना में 30 लोगों की मृत्यु हो गई, जबकि 60 लोग घायल हो गए थे.
बता दें महाकुंभ में मौनी अमावस्या के दिन हुए इस हादसे को लेकर विपक्ष, सरकार पर हमलावर है.
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